बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से अवैध शराब की तस्करी हो रही है। मद्य निषेध इकाई ने इन राज्यों से सहयोग मांगा है और सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए शराब तस्करी रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में अतिरिक्त चेकपोस्ट बनाए जाएंगे और आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में अवैध शराब की सबसे ज्यादा खेप उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश से भेजी जा रही है। मद्य निषेध इकाई की समीक्षा में यह बात सामने आई है।
शराब की तस्करी रोकने और आगे की कार्रवाई के लिए इन आठ राज्यों के डीजीपी और उत्पाद आयुक्तों को पत्र लिखकर अपेक्षित सहयोग मांगा गया है। साथ ही यूपी, बंगाल और झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में चेकपोस्ट की संख्या बढ़ाकर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग और बिहार पुलिस की मद्य निषेध इकाई दोनों ही शराब तस्करी के नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई में जुटी हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों के उत्पाद अधिकारियों के साथ एसएसबी और रेल पुलिस के साथ समन्वय बैठक भी की गई है।यह बैठक मासिक आधार पर होगी। उत्पाद अधिकारियों को यूपी और बंगाल के सीमा क्षेत्र के दस किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर विशेष नजर रखने का भी निर्देश दिया गया है।
शराब के बैच नंबर और क्यूआर कोड से आपूर्तिकर्ता की पहचान
उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश से आने वाली शराब की खेप के आपूर्तिकर्ताओं की पहचान शराब के बैच नंबर और क्यूआर कोड के आधार पर की जा रही है। बिहार ने संबंधित राज्यों को उनकी पहचान और आगे की कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारी नामित करने हेतु पत्र भी लिखा था, जिसके बाद नोडल अधिकारी नामित कर दिए गए हैं।