Report By : ICN Network
महाराष्ट्र सरकार ने एक अनोखी और महत्वाकांक्षी पहल की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत अब राज्य के बच्चों को पहली कक्षा से ही बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि बच्चों में अनुशासन, आत्मविश्वास, शारीरिक क्षमता और देशभक्ति की भावना को प्रारंभ से ही विकसित किया जाए।
इस योजना के अंतर्गत छात्रों को ड्रिल, शारीरिक व्यायाम, आपातकालीन स्थितियों में व्यवहार, टीम वर्क, नेतृत्व क्षमता और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाएगी। प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम इस तरह तैयार किया जाएगा कि वह विद्यार्थियों की उम्र और कक्षा के स्तर के अनुरूप हो। इसके लिए शारीरिक शिक्षकों, एनसीसी प्रशिक्षकों, स्काउट्स और गाइड्स के साथ-साथ सेवानिवृत्त सैनिकों की भी मदद ली जाएगी।
प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को केवल सैन्य गतिविधियों से अवगत नहीं कराया जाएगा, बल्कि उनमें सेवा भावना और समाज के प्रति जिम्मेदारी की समझ भी विकसित की जाएगी। प्रशिक्षण का उद्देश्य बच्चों को कोई सशस्त्र कौशल सिखाना नहीं है, बल्कि उन्हें मानसिक, शारीरिक और नैतिक रूप से सशक्त बनाना है।
इस पहल के ज़रिए सरकार राज्य में एक नई पीढ़ी तैयार करना चाहती है जो न केवल शारीरिक रूप से सक्षम हो, बल्कि जिम्मेदार नागरिक भी बने। पूरे राज्य में यह प्रशिक्षण चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, और इसकी निगरानी राज्य शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी।
इस नीति से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र के स्कूलों से ऐसे छात्र निकलेंगे जो आत्मानुशासित, देश के प्रति जागरूक और समाज सेवा के लिए तत्पर होंगे।