दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार रिकॉर्ड संख्या में उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछले 2020 के चुनावों में 668 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, जबकि इस बार दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 1400 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीट, जो की आम आदमी पार्टी (AAP) का गढ़ मानी जाती है, पर सबसे ज्यादा प्रत्याशी खड़े हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रतिस्पर्धा और भी कड़ी होने वाली है 2020 के दिल्ली चुनाव में जहां 668 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, वहीं इस बार उम्मीदवारों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है, जो राजनीतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण संकेत है। दिल्ली की हर विधानसभा सीट पर कई राजनीतिक दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा, जिससे चुनाव परिणामों में असमंजस की स्थिति भी बन सकती है अरविंद केजरीवाल की सीट पर विशेष ध्यान केंद्रित है क्योंकि यह विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व की लोकप्रियता को परखने का एक प्रमुख अवसर है। दिल्ली के मतदाता इस बार किसे चुनते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा, खासकर तब जब इतने सारे उम्मीदवार मैदान में हैं साथ ही, अन्य प्रमुख पार्टियां भी इस चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, और ऐसे में चुनावी माहौल और भी ज्यादा गर्म हो चुका है। कुल मिलाकर, इस चुनाव में प्रतिद्वंदिता अपने चरम पर होगी, और परिणाम क्या होंगे, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा
दिल्ली चुनाव में केजरीवाल की सीट पर सबसे ज्यादा प्रत्याशी, कुल 70 सीटों पर 1400 उम्मीदवार

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार रिकॉर्ड संख्या में उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछले 2020 के चुनावों में 668 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, जबकि इस बार दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 1400 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीट, जो की आम आदमी पार्टी (AAP) का गढ़ मानी जाती है, पर सबसे ज्यादा प्रत्याशी खड़े हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रतिस्पर्धा और भी कड़ी होने वाली है 2020 के दिल्ली चुनाव में जहां 668 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, वहीं इस बार उम्मीदवारों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है, जो राजनीतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण संकेत है। दिल्ली की हर विधानसभा सीट पर कई राजनीतिक दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा, जिससे चुनाव परिणामों में असमंजस की स्थिति भी बन सकती है अरविंद केजरीवाल की सीट पर विशेष ध्यान केंद्रित है क्योंकि यह विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व की लोकप्रियता को परखने का एक प्रमुख अवसर है। दिल्ली के मतदाता इस बार किसे चुनते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा, खासकर तब जब इतने सारे उम्मीदवार मैदान में हैं साथ ही, अन्य प्रमुख पार्टियां भी इस चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, और ऐसे में चुनावी माहौल और भी ज्यादा गर्म हो चुका है। कुल मिलाकर, इस चुनाव में प्रतिद्वंदिता अपने चरम पर होगी, और परिणाम क्या होंगे, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा