निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने आदेश जारी किया है कि खुले में कचरा जलाना ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के दिशा-निर्देशों के तहत पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद शहर में इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। निगमायुक्त ने सभी संयुक्त आयुक्तों को अपने-अपने जोनों में कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। आदेश में साफ कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में खुले में कचरा जलाने की अनुमति नहीं होगी। वरिष्ठ सफाई निरीक्षक, सफाई निरीक्षक और सहायक सफाई निरीक्षक स्तर के अधिकारी नियमित व अचानक निरीक्षण करेंगे। विशेष निगरानी कचरा संवेदनशील बिंदुओं, खाली भूखंडों, बाजार क्षेत्रों और सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट्स पर की जाएगी। यदि लापरवाही पाई गई तो संबंधित फील्ड स्टाफ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उल्लंघन पर तुरंत चालान और जुर्माना आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति, संस्था या एजेंसी खुले में कचरा जलाते पकड़ी जाती है तो तुरंत चालान जारी किया जाएगा। चालान की संख्या, स्थान, उल्लंघन का प्रकार और वसूला गया जुर्माना आदि का रिकॉर्ड नियमित रूप से निगमायुक्त कार्यालय को भेजना अनिवार्य होगा। यदि किसी जोन से बार-बार उल्लंघन की शिकायतें आती हैं, तो संबंधित एसएसआई, एसआई और एएसआई को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और उन पर कार्रवाई होगी।
नगर निगम गुरुग्राम: कचरा व पत्तों को जलाने पर सख्ती, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने आदेश जारी किया है कि खुले में कचरा जलाना ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के दिशा-निर्देशों के तहत पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद शहर में इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। निगमायुक्त ने सभी संयुक्त आयुक्तों को अपने-अपने जोनों में कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। आदेश में साफ कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में खुले में कचरा जलाने की अनुमति नहीं होगी। वरिष्ठ सफाई निरीक्षक, सफाई निरीक्षक और सहायक सफाई निरीक्षक स्तर के अधिकारी नियमित व अचानक निरीक्षण करेंगे। विशेष निगरानी कचरा संवेदनशील बिंदुओं, खाली भूखंडों, बाजार क्षेत्रों और सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट्स पर की जाएगी। यदि लापरवाही पाई गई तो संबंधित फील्ड स्टाफ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उल्लंघन पर तुरंत चालान और जुर्माना आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति, संस्था या एजेंसी खुले में कचरा जलाते पकड़ी जाती है तो तुरंत चालान जारी किया जाएगा। चालान की संख्या, स्थान, उल्लंघन का प्रकार और वसूला गया जुर्माना आदि का रिकॉर्ड नियमित रूप से निगमायुक्त कार्यालय को भेजना अनिवार्य होगा। यदि किसी जोन से बार-बार उल्लंघन की शिकायतें आती हैं, तो संबंधित एसएसआई, एसआई और एएसआई को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और उन पर कार्रवाई होगी।