नोएडा जिला अस्पताल ने HIV संक्रमित माताओं से पैदा होने वाले बच्चों को संक्रमण से बचाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। पिछले एक वर्ष में HIV पॉजिटिव 12 महिलाओं ने यहां बच्चों को जन्म दिया, और सभी 12 नवजातों की रिपोर्ट HIV नेगेटिव आई है। इस साल कुल 14 संक्रमित महिलाओं ने प्रसव कराया, जिनमें से 12 बच्चों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि दो नवजातों की जांच प्रक्रिया अभी जारी है।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े काउंसलर मनोज गुप्ता और सुमन विमल के अनुसार बच्चे को पूरी तरह HIV मुक्त घोषित करने के लिए जन्म से लेकर 18 माह तक कई चरणों में परीक्षण किया जाता है। जन्म के तुरंत बाद पहला टेस्ट, लगभग एक महीने में दूसरा, फिर 4 से 6 महीने के बीच तीसरा और 18 महीने पर अंतिम जांच की जाती है। इन सभी चरणों में रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही बच्चे को पूरी तरह संक्रमण मुक्त माना जाता है।
HIV पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं को शुरुआत से ही एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दी जाती है, जिससे वायरल लोड कम होता है और मां से बच्चे में संक्रमण का जोखिम लगभग समाप्त हो जाता है। अधिकतर मामलों में सिजेरियन डिलीवरी की जाती है ताकि बच्चे का संक्रमित द्रवों से संपर्क न हो, हालांकि वायरल लोड कम होने पर सामान्य प्रसव भी संभव है। प्रसव के दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और एनेस्थेटिस्ट की टीम सुरक्षा उपकरणों के साथ उपस्थित रहती है।
इस वर्ष जिला अस्पताल में अब तक 29,107 लोगों की HIV जांच की गई है, जिनमें 167 लोग पॉजिटिव पाए गए। गर्भवती महिलाओं सहित प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों की जांच की जा रही है।
1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें HIV के लक्षण, रोकथाम और उपचार से संबंधित जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम में NACO से जुड़े डॉक्टर और काउंसलर भी हिस्सा लेंगे।