Report By : ICN Network
नोएडा की फल और सब्जी मंडी में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बाद मंडी निरीक्षक को उनके पद से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई मंडी परिसर में लंबे समय से चल रही अनियमितताओं और शिकायतों के मद्देनज़र की गई है। मंडी में काम करने वाले व्यापारियों और अन्य हितधारकों ने आरोप लगाए थे कि निरीक्षक द्वारा अनैतिक तरीके से धन वसूली की जा रही थी। इसी के आधार पर मंडी समिति ने तत्काल प्रभाव से उन्हें वहां से स्थानांतरित कर दिया।
व्यापारियों ने आरोप लगाया कि मंडी में आने वाले ट्रक चालकों से जबरन पैसा वसूला जा रहा था और जिन व्यापारियों ने इसका विरोध किया, उनके लाइसेंस या कामकाज में अड़चनें खड़ी की गईं। मंडी प्रशासन को कई बार लिखित शिकायतें सौंपी गईं, जिनमें यह दावा किया गया कि निरीक्षक व्यापारियों से खुलेआम रिश्वत लेते थे और मंडी संचालन में पारदर्शिता की घोर कमी थी।
मंडी समिति को जैसे ही मामले की गंभीरता का अंदाज़ा हुआ, उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए और निरीक्षक को उनके पद से हटाकर अन्यत्र भेज दिया। समिति के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंडी में किसी भी तरह के भ्रष्ट आचरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटनाक्रम के बाद मंडी परिसर में हलचल मच गई है। व्यापारी इस फैसले से संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि अब मंडी में पारदर्शी कामकाज होगा। दूसरी ओर, प्रशासन अब मंडी की व्यवस्था को और सख्ती से नियंत्रित करने की तैयारी में जुट गया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में मंडी में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी और नियमित निरीक्षण किया जाएगा ताकि फिर से ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न न हो।
यह मामला दर्शाता है कि प्रशासन अब भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के मूड में है। मंडी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जहां रोज़ाना करोड़ों का कारोबार होता है, वहां ऐसी निगरानी और जवाबदेही अत्यंत आवश्यक है। इस कार्रवाई से प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं करेगा और दोषियों के खिलाफ समय पर सख्त कदम उठाएगा।