Report By : ICN Network
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 7 मई 2025 को बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें 47 मेट्रो स्टेशनों सहित 100 से अधिक प्रमुख स्थलों पर सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी हमले जैसी आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों का अभ्यास किया। यह मॉक ड्रिल केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर कराई गई, जिसका उद्देश्य नागरिकों और संस्थानों को अचानक होने वाली आपदाओं और आतंकी घटनाओं से बचाने की रणनीति को परखना था।
अभ्यास दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ और पूरे जिले के संवेदनशील क्षेत्रों को शामिल किया गया। मेट्रो स्टेशनों के अलावा स्कूल, मॉल, होटल, सरकारी कार्यालय, जेवर एयरपोर्ट का निर्माण स्थल, और सीआरपीएफ कैंप जैसे महत्वपूर्ण स्थान भी मॉक ड्रिल का हिस्सा रहे। सुरक्षा एजेंसियों ने हवाई हमले और ब्लैकआउट की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सायरन बजाए और नागरिकों को सतर्क किया।
इस अभियान में पुलिस, सीआईएसएफ, फायर ब्रिगेड, इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू), बम स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड और प्रशासनिक अधिकारी सक्रिय रूप से शामिल रहे। इन टीमों ने मिलकर विभिन्न जगहों पर फर्जी बम, संदिग्ध वस्तुएं और आपात स्थिति के परिदृश्य तैयार कर उनकी प्रतिक्रिया प्रक्रिया का मूल्यांकन किया।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी पूरी तैयारी की गई थी। ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में 100 बेड आरक्षित किए गए और डॉक्टरों की टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया, ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत इलाज शुरू किया जा सके।
सभी संबंधित विभागों और नागरिकों को इस अभ्यास की पूर्व सूचना दी गई थी, जिससे कहीं भी भ्रम की स्थिति ना हो। ड्रिल का उद्देश्य केवल सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता जांचना नहीं था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना था कि आम नागरिक भी इस तरह की आपात स्थिति में सही प्रतिक्रिया दे सकें।
यह मॉक ड्रिल आतंकवाद के खतरे को ध्यान में रखते हुए एक अहम कदम माना जा रहा है, जिससे प्रशासन और नागरिक दोनों की तैयारी और सजगता बढ़ेगी।