Report By : ICN Network
नई दिल्ली: अब शराब की डिलीवरी प्रक्रिया और अधिक सरल और तेज होगी। एक्साइज विभाग ने एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए निर्णय लिया है कि थोक विक्रेताओं को उत्पाद शुल्क (Excise Duty) के भुगतान के लिए अब मैनुअल चालान जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके स्थान पर ऑनलाइन जनरेट किया गया डिलीवरी चालान ही डिलीवरी का वैध प्रमाण माना जाएगा।
इस फैसले का उद्देश्य डिलीवरी प्रक्रिया को दक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। अब जब भी रिटेल वेंडर्स या HCR पर ट्रांसपोर्ट परमिट के माध्यम से स्टॉक पहुंचेगा, उसी समय एक ऑनलाइन चालान स्वतः जनरेट होगा। यह चालान थोक विक्रेताओं के पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा और आवश्यकता पड़ने पर वे इसे प्रिंट भी कर सकेंगे।
डिप्टी कमिश्नर (एक्साइज) तनवीर अहमद द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, यह चालान सिस्टम द्वारा जनरेट किया गया होगा और इसमें किसी भी प्रकार के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी।
इस कदम की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि एक्साइज विभाग को शिकायत मिली थी कि मैनुअल चालानों के कारण भुगतान में अनावश्यक देरी हो रही थी। दरअसल, कॉरपोरेशन द्वारा तब तक एक्साइज ड्यूटी नहीं दी जाती थी जब तक कि रिटेल वेंडर से हस्ताक्षरित मैनुअल चालान प्रस्तुत न किया जाए। इससे ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति को झटका लग रहा था।
नई प्रणाली लागू होने के बाद अब थोक विक्रेताओं और शराब कारोबारियों को सतर्क रहना होगा, क्योंकि सिस्टम आधारित प्रक्रिया में चूक की कोई गुंजाइश नहीं होगी।