Report By-Anil Kumar, Ghazipur (UP)
यूपी के गाज़ीपुर ज़िले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व प्रदेश सचिव जनक कुशवाहा ने पाँच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद भारतीय जनता पार्टी तीन राज्यो में प्रचंड बहुमत से जीतने पर कुशवाहा ने कहा कि मध्यप्रदेश भले ही आरएसएस का गढ़ माना जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ में गली गलियारों में भाजपा की ज़रा भी जीतने की उम्मीद नही थी ऐसे में कुशवाहा का साफ तौर से कहना है कि कुछ न कुछ तो गड़बड़ है।
कांग्रेस एक सीट पर विजयी हुई। जिसमें से राजस्थान और छत्तीसगढ़ जहां पर कांग्रेस की सरकार रही वहां पर भी इन्हें हार का मुँह देखना पड़ा। ऐसे में आज गाजीपुर के रहने वाले जनक कुशवाहा जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव भी रहे हैं। साथ ही कई प्रदेशों के चुनाव प्रभारी के साथ ही मौजूदा छत्तीसगढ़ चुनाव में भी अपनी सहभागिता निभाई। उनसे बात की गई और यह जानने का प्रयास किया गया कि आखिर क्या कारण रहा कि भाजपा की जीत हासिल हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा की क्या रणनीति रही यह उनकी रणनीति रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को लेकर मैं कहना चाहूंगा की छत्तीसगढ़ का चुनाव में खुद देख रहा था वहां के किसी भी गली मोहल्ले या गांव में नहीं लग रहा था कि भारतीय जनता पार्टी आ रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें शक है कि चुनाव के बाद वहां पर कुछ ना कुछ हुआ है तभी भारतीय जनता पार्टी वहां पर चुनाव जीती है।
इस दौरान वोट प्रतिशत बढ़ाने के बाद भी हार का मुंह देखने पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का जो प्रक्रिया रही है। हम मध्य प्रदेश को मान सकते हैं क्योंकि आरएसएस का वह गढ़ रहा है। साथ ही कमलनाथ जी ने अखिलेश यादव को जिस तरह से बोला उसे कुछ ओबीसी वोटर हमसे नाराज हुए। साथ ही लाडली योजना बहना को भी वहां के लोगों ने सराहा।
वही इस मामले पर कांग्रेस के लीगल सेल के अध्यक्ष ओमप्रकाश पांडे ने बताया कि यह आत्म मंथन का विषय है। एग्जिट पोल में भी दिखला रहा था कि मध्य प्रदेश राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है साथ ही वोटो के डिफरेंस की बात करें तो बहुत ज्यादा का अंतर नहीं है तीनों स्टेट में कांग्रेस ने मजबूती के साथ चुनाव लड़ा है। और हार का क्या कारण है इस पर आत्म मंथन होगा। तो बात निकाल कर बाहर आएगी।
कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है और आगे भी बढ़ेगा। कांग्रेस मौजूदा समय में जिन मुद्दों को महंगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर लड़ रही है। इसी के आधार पर मध्य प्रदेश और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार आने की उम्मीद थी। लेकिन राजस्थान को हम लोग यह भी मान कर चल रहे थे कि वहां की परंपरा दोहरा सकती है।