Report By : ICN Network
उत्तराखंड की स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंतनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन कर सकते हैं। संभावना है कि यह शुभारंभ 9 नवंबर को होगा।
इस प्रोजेक्ट की प्रगति पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) के साथ-साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी नजर बनाए हुए हैं। जिला प्रशासन भी इस पर तेजी से काम कर रहा है।
पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार के तहत जो भवन प्रभावित हो रहे हैं, उन्हें जल्द ही शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही भारत सरकार की एक टीम आगामी दिनों में विस्तार कार्यों का निरीक्षण करने के लिए पंतनगर आने की संभावना है।
देवभूमि में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर्यटन और व्यापार को नई दिशा देगा, स्थानीय आर्थिक विकास को भी मिलेगी मजबूती।
वर्तमान में पंतनगर हवाई अड्डा 269 एकड़ क्षेत्र में फैला है, जिसमें रनवे की लंबाई 1372 मीटर है। यहां से दिल्ली, पंतनगर, पिथौरागढ़ और देहरादून के बीच नियमित हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं। वर्ष 2012 से इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की तैयारी चल रही है।
पूर्व त्रिवेंद्र रावत सरकार के दौरान, अटरिया सिडकुल मार्ग के पास आनंदपुर गांव में पंतनगर विश्वविद्यालय की लगभग 1000 एकड़ भूमि पर नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। भारत सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की टीम ने भी निरीक्षण किया था, लेकिन बाद में वर्तमान हवाई अड्डे के विस्तार पर ही फोकस किया गया।
प्रदेश सरकार ने कुल 804 एकड़ भूमि अधिग्रहित की है, जिसमें से 524 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दी गई है, वहीं 103 एकड़ भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दी गई है। साथ ही प्रभावित लोगों को 188 करोड़ रुपये मुआवजा भी प्रदान किया गया है।
सड़क शिफ्टिंग का सर्वेक्षण कार्य भी शुरू हो चुका है, जिसमें एनएचएआई को लगभग 10 एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता बताई गई है। नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का रनवे मानकों के अनुसार लगभग 3000 मीटर लंबा होगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन में कोई बाधा नहीं आएगी।
कृषि विभाग से 59.57 एकड़, लोक निर्माण विभाग से 36 एकड़, सिडकुल से 46 एकड़, पंतनगर विश्वविद्यालय से 591 एकड़, तराई बीज विकास निगम से 14.74 एकड़ तथा लैंड कैटेगरी से 56.40 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है।
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधुनिक सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। इसी कारण विस्तार के अंतर्गत आने वाले भवनों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पंतनगर विश्वविद्यालय भी अपनी भूमि पर स्मार्ट मार्केट का विकास कर सकता है, जहां प्रदेश के प्रमुख उत्पाद जैसे मडुआ, झिंगोरा, भट्ट, गहत आदि का विक्रय संभव होगा। इससे न केवल विश्वविद्यालय को लाभ होगा, बल्कि उत्तराखंड के उत्पादों के साथ-साथ राज्य के धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी।
प्रदेश में इस प्रोजेक्ट से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सामरिक दृष्टि से भी यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तराखंड की सीमा नेपाल और चीन से लगती है।
एसडीएम मनीष बिष्ट ने हाल ही में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान एवं निदेशक बीएस चलाल के साथ बैठक कर भवनों की शिफ्टिंग पर विस्तार से चर्चा की।
टर्मिनल भवन, पार्किंग, संचार उपकरण, नाइट लैंडिंग की सुविधा, कार्गो सेवा, वीआईपी और बिजनेस लाउंज, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, चिकित्सा सहायता, सहायता डेस्क, एटीएम, करेंसी एक्सचेंज, वाई-फाई और चार्जिंग प्वाइंट, रेस्तरां और कैफे, इमिग्रेशन एवं कस्टम काउंटर, चेक-इन एवं बोर्डिंग, सुरक्षा प्रबंध।
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार के लिए कृषि विभाग से 59.57 एकड़, लोक निर्माण विभाग से 36 एकड़, सिडकुल से 46 एकड़, पंतनगर विश्वविद्यालय से 591 एकड़, तराई बीज विकास निगम से 14.74 एकड़ तथा लैंड कैटेगरी से 56.40 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है।