Report By-Sachin Upadhayay Kasganj(UP)
यूपी के कासगंज में सर्दी बढ़ते ही बच्चे सर्दी ,खांसी ,बुखार एवं निमोनिया की चपेट में आने लगे बच्चे ऐसे में डॉक्टर संजीव सक्सेना ने क्या कुछ कहा जानिए उन्ही की जुबानी ठंड बढ़ने के साथ बच्चे सर्दी खांसी बुखार निमोनिया आदि की चपेट में आने लगे हैं ।जिला अस्पताल पर मरीजों की संख्या बढ़ रही है । मरीजों को इलाज करने में काफी समय भी लग रहा है ।मौसम में ठंड बढ़ने तथा बच्चों पर इसका असर दिखाई देने लगा है ।जिला अस्पताल पर सुबह से ही मरीजों की भीड़ घटना शुरू हो जाती जिसमें काफी संख्या में ऐसे अभिभावक आ रहे हैं जो अपने बच्चों को जिला अस्पताल लेकर आ रही है।
किसी बच्चे को सर्दी की शिकायत तो कोई बुखार से पीड़ित है खांसी निमोनिया रोग से पीड़ित बच्चे अपने माता-पिता के साथ जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल में रोजाना 800 से 900 मरीज पहुंच रहे हैं जिसमें लगभग 125 से लेकर 150 तक बच्चों की संख्या रहती है ।वहीं सीएमएस प्रभारी डॉक्टर संजीव सक्सेना का कहना है की निमोनिया आदि के बचाव में बच्चों के लिए सर्दी से बचाकर रखें ,गर्म कपड़े पहनकर रखे,एवम नवजात बच्चे निमोनिया का ज्यादा शिकार होते उन्होंने कुछ निमोनिया आदि के कुछ लक्षण एवम बचाव बताए हैं।*बच्चों में जन्म के साथ हो रही हाईपोर्थरमिया बीमारी* 50 प्रतिशत बच्चे हो रहे पीड़ित 15 नवजातों को करना पड़ रहा है एस एन यू वार्ड में भर्ती। कासगंज ठंड के मौसम के साथ ही नवजात बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं 50% बच्चे हाई पोर्थरमिया (अल्पताप) के पीड़ित हो रहे हैं/ इस माह में 15 बच्चे एस एन सी यू वार्ड( स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) में भर्ती हो चुके हैं/ यह संख्या जन्म के बच्चों के होने वाली बीमारियों में सबसे अधिक है। इस समय मौसम में ठंड बढ़ चुकी है न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक आ चुका है। इसके साथ ही धूप भी इन दोनों काफी हल्की रहती है। जिसका असर नवजातों पर तेजी से देखने को मिल रहा है। हाइपोर्थिमिया बीमारी नवजातों में तेजी से सामने आ रही है ।बच्चों के जन्म के समय तापमान 96.8 डिग्री होना चाहिए। यदि बच्चे के जन्म के समय तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट से कम होता है। तो ऐसे बच्चों के लिए विशेष केयर की आवश्यकता होती है। जिला अस्पताल बच्चों की देखभाल के लिए एसएनसीयू बनी हुई है। इस यूनिट में दिसंबर माह में 23 बच्चे भर्ती हुए हैं जिसमें 15 बच्चे अल्प ताप के शिकार निकले ऐसी तरह निजी क्षेत्र में अभी बनी एसएनसीयू में भी ऐसे ही बच्चे भर्ती हो रहे हैं ।जिला अस्पताल सीएमएस डॉक्टर संजीव सक्सेना का कहना है कि नवजात स्वरूप शिशु की सुरक्षा एवं फैलने वाली बीमारियों से बचाव के बारे में कहा जन्म के समय नवजातों में तमाम तरह की बीमारियां फैलती है। यह बच्चे के जीवन के लिए खतरा बन जाती है ।वही डॉक्टर ने बताया की बच्चों को गीले कपड़े में ना रहने दे, शिशु को सामान्य ताप होने तक मां के शरीर से सटाकर लिटा दे, शिशु को कपड़े और टोपी पहनाकर रखे, शिशु के शरीर में कैलोरी का स्तर बनाए रखने के लिए उसे मां का स्तनपान कराए। *(अल्प ताप) हाई पोर्थिमिया बीमारी के यह है लक्षण*डॉक्टर ने बीमारी के लक्षण बताते हुए कहा कि नवजात बच्चे रोते समय कम आवाज निकालना, बच्चे का सुस्त रहना, लाल और ठंडी त्वचा रहना ,रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम हृदय की धड़कन होना, वजन कम होना आदि लक्षण दिखे तो डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर द्वारा बताए गए बच्चों के जन्म के समय उच्च तापमान आवश्यक होता है यदि बच्चे ठंड लग जाए तो उसका उसके तापमान पर असर पड़ता है।।