Report By : Rishabh Singh, ICN Network
PM मोदी का कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान करने का शुक्रवार को दूसरा दिन है। सुबह उनके ध्यान करने की तस्वीरें सामने आईं। वे भगवा चोला, हाथ में रुद्राक्ष की माला और माथे पर तिलक लगाए दिखे।
उन्होंने सूर्य को अर्घ्य दिया, मंदिर की परिक्रमा की और ध्यान मुद्रा में बैठे। PM एक जून सुबह 10 बजे तक विवेकानंद रॉक मेमोरियल में रहेंगे।
उधर विपक्ष मोदी के ध्यान को आचार संहिता का उल्लंघन बता रहा है। तमिलनाडु कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि PM अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
PM गुरुवार शाम को कन्याकुमारी पहुंचे थे। सबसे पहले भगवती देवी अम्मन मंदिर में दर्शन-पूजन किया। पूजा के दौरान मोदी ने सफेद मुंडु (दक्षिण भारत का एक परिधान) और शॉल पहना था। पुजारियों ने उनसे विशेष आरती कराई। प्रसाद, शॉल और देवी की तस्वीर दी।
तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी ने मद्रास हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि प्रधानमंत्री की विवेकानंद रॉक यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं कर सकता है, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के 7वें फेज के कूलिंग पीरियड के दौरान उनकी यात्रा हिंदू भावनाओं को भड़काने और अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके वोट हासिल करने की कोशिश है। इसलिए इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री की ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं है। चुनाव आयोग ने इसी तरह की अनुमति 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम को दी थी।
जानकार सूत्रों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का हवाला दिया। इसमें मौन अवधि (साइलेंट पीरियड) के दौरान सार्वजनिक बैठकों या जनता के बीच चुनावी प्रचार और प्रदर्शन पर रोक का उल्लेख है।
जानकार सूत्रों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का हवाला दिया। इसमें मौन अवधि (साइलेंट पीरियड) के दौरान सार्वजनिक बैठकों या जनता के बीच चुनावी प्रचार और प्रदर्शन पर रोक का उल्लेख है।
साइलेंट पीरियड मतदान प्रचार खत्म होने से वोटिंग खत्म होने तक का समय होता है। जानकारों के मुताबिक, इस कानून में वह क्षेत्र ही आता है, जहां वोटिंग होना है।