सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया। वह 94 साल के थे। करीब 20 दिन पहले किडनी में इन्फेक्शन बढ़ने के बाद उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। सिद्ध अस्पताल के MD डॉ. अनुराग मेहरोत्रा ने बताया, “डॉ. बर्क का आज सुबह दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद उन्होंने आखिरी सांस ली।” 6 दिन पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनसे मिलने के लिए मुरादाबाद पहुंचे थे।
उनका जन्म 11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में हुआ था। 1974 में उनका सियासी सफर शुरू हुआ। डॉ. बर्क पार्लियामेंट में सबसे बुजुर्ग सांसद थे। उन्हें यूपी में बड़े मुस्लिम नेता के रूप में जाना जाता था। वह 5 बार के सांसद और 4 बार विधायक रहे।
30 जनवरी को सपा ने लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की थी। 16 प्रत्याशियों में डॉ. बर्क को भी जगह मिली थी। 57 साल के सियासी सफर में वह अपने आक्रामक बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहे।
मुरादाबाद सांसद डॉ. एसटी हसन ने शफीकुर्रहमान बर्क पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा, ‘डॉ. बर्क का जाना, हमारी पार्टी के लिए सबसे बड़ा नुकसान है। देश से एक बहुत बड़ा नेता इस दुनिया से रुख़सत हो गया। जिसने कभी किसी से डरकर काम नहीं किया। आज वो नेता हमें छोड़कर चले गए। अब पूरे मुल्क के अंदर इतने बहादुर, बोल्ड और ईमानदार नेता बहुत कम हैं। उनके खानदान वालों को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।
डा. बर्क ने सियासत में 1967 में कदम रखा। यही वह साल था, जब मुलायम सिंह यादव ने भी अपनी सियासी पारी की शुरुआत की थी। 1974 में डॉ. बर्क पहली बार विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद 1998, 1999, 2004, 2009 में चुनाव जीतकर सांसद बने थे।
2014 में भाजपा के सतपाल सैनी से करीब 5 हजार वोट से हार गए थे। हालांकि, 2019 में संभल लोकसभा सीट से 89 वर्ष की उम्र में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुने गए। उन्होंने BJP के परमेश्वर लाल सैनी को 1.74 लाख वोटों से हराया।