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उत्तराखंड के कॉलेजों में लंबे इंतजार के बाद शनिवार को छात्रसंघ चुनाव का बिगुल बज उठा। शासकीय और अशासकीय महाविद्यालयों में मतदान का दौर चल रहा है, और शाम को मतगणना के बाद नतीजों का ऐलान होगा। शहर के चार अशासकीय और दो शासकीय कॉलेजों में छात्र-छात्राओं का जोश देखते ही बन रहा है।
डीएवी कॉलेज में त्रिकोणीय जंग, NSUI-ABVP में कांटे की टक्कर
प्रदेश के सबसे बड़े डीएवी पीजी कॉलेज में इस बार छात्रसंघ चुनाव का रंग अलग ही चटख है। अध्यक्ष पद की जंग भले ही त्रिकोणीय हो, लेकिन असली रण नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बीच छिड़ा है। यहां 4756 छात्राएं और 4285 छात्र अपने वोट की ताकत दिखाएंगे। इसके लिए 16 बूथ बनाए गए हैं—आठ छात्राओं और आठ छात्रों के लिए। वहीं, डीबीएस (पीजी) कॉलेज में छह पदों के लिए 32 प्रत्याशी मैदान में हैं, जहां 1588 छात्र-छात्राएं अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
एमकेपी कॉलेज में NSUI का शोर-शराबा
एमकेपी कॉलेज के बाहर माहौल तब गरमा गया, जब NSUI के पदाधिकारियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने स्थिति को काबू में करने की कोशिश की, लेकिन यह घटना चुनावी माहौल में नया तड़का लगाने के लिए काफी थी।
ऋषिकेश में मतदाताओं को रिझाने की होड़
पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर में मतदान की सरगर्मी चरम पर है। विभिन्न दलों के प्रत्याशी छात्रों के बीच जाकर अपने पक्ष में वोट डालने की जोर-शोर से अपील कर रहे हैं। हर कोई अपने रंग में मतदाताओं को लुभाने की जुगत में जुटा है।
गढ़वाल विवि में आधे घंटे का ठहराव
गढ़वाल विश्वविद्यालय के बिड़ला परिसर में भी मतदान को लेकर छात्रों का उत्साह सातवें आसमान पर है। लेकिन प्रचार के लिए प्रिंटेड सामग्री लाने की वजह से मतदान की प्रक्रिया आधे घंटे के लिए ठप हो गई। चुनाव संचालन समिति और प्रशासन ने छात्रों को समझा-बुझाकर स्थिति संभाली, जिसके बाद मतदान फिर से पटरी पर लौटा।
यह चुनावी रण न केवल छात्रों की नेतृत्व की चाह को दर्शा रहा है, बल्कि उत्तराखंड के युवा मन में बदलाव की बयार भी ला रहा है। अब नजरें नतीजों पर टिकी हैं, जो इस सियासी रंगमंच का अगला अध्याय लिखेंगे।