Report By : ICN Network
तेजस्वी यादव ने बिहार की एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इसे एक “खस्ताहाल वाहन” बताया जिसे 15 साल पुराने वाहनों की तरह हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध और पलायन जैसी समस्याएं बढ़ी हैं। जनता अब इस अस्थिर और जर्जर सरकार से मुक्ति चाहती है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एनडीए सरकार ने उनके कार्यकाल में तैयार किए गए बजट को अपने नाम से प्रस्तुत किया, जो सत्ता का दुरुपयोग है। उनके अनुसार, बिहार में स्थिर सरकार की कमी विकास में सबसे बड़ी बाधा बन रही है और केवल एक सशक्त और स्थिर शासन ही राज्य को प्रगति की दिशा में ले जा सकता है।
शराबबंदी को उन्होंने एनडीए शासन का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया। तेजस्वी के अनुसार, इस नीति के चलते लगभग 30 हजार करोड़ रुपये की अवैध अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है, जिससे कुछ नेता और एक विशेष पार्टी लाभान्वित हो रही है जबकि आम जनता को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि एनडीए सरकार संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रही है, लेकिन उनकी पार्टी ऐसे किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देगी और जनता के अधिकारों की रक्षा करेगी।
कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने दावा किया कि पिछले 20 वर्षों में राज्य में 60,000 हत्याएं और 25,000 बलात्कार हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे इन आंकड़ों की जिम्मेदारी लेने की बजाय पूर्ववर्ती सरकारों पर दोष मढ़ते हैं।
अंत में, तेजस्वी यादव ने जनता से अपील की कि 2025 के विधानसभा चुनाव में इस ‘डबल इंजन’ सरकार को हटाकर एक नई, स्थिर और विकासोन्मुख सरकार को चुना जाए, जो रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ठोस काम करे।