Report By : Umesh Chandra Fatehpur (UP)
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर स्थित असोथर ब्लॉक मुख्यालय में सड़क व ब्लॉक मुख्यालय से रामनगर कौहन होते हुए बांदा जनपद के मार्का गांव सहित सैकड़ों गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर असोथर ब्लॉक मुख्यालय के प्राइवेट बस स्टॉप स्थित सुजानपुर रजबहा का पुल क्षतिग्रस्त होकर खतरनाक बन चुका है। राहगीर अपने जान पर खेलकर वहां से गुजरते हैं। जबकि यह सड़क ब्लॉक मुख्यालय असोथर से जनपद समेत बांदा जनपद के गांवों को भी जोड़ती है। पुल की सरिया जर्जर होकर दिख रही हैं, छत टूट कर गिर रही है और रेलिंग भी टूट चुकी है। जिसके कारण पुल से गुजरते वक्त यात्रिओं में डर बना रहता है। बांदा जनपद के मंझिला गांव के राहगीर राजेश कुमार मौर्य ने बताया कि फतेहपुर जिले के गांवों में रिश्तेदारी में आना जाना बना रहता है। यह पुल काफी दिनों से ध्वस्त पड़ा हुआ है। शासन, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण अब यह पुल बुरी तरह जर्जर होता जा रहा है। इस पुल पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जबकि इस पुल का महत्त्व बहुत ज्यादा है।
पुल का है राष्ट्रीय महत्व हजारों वाहनों का है प्रतिदिन आवागमन
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पुल असोथर ब्लॉक मुख्यालय, गाजीपुर, फतेहपुर, थरियांव, विजयीपुर व दूसरे जनपद बांदा के मार्का, बबेरू, कमासिन, चित्रकूट जिले आदि प्रखंडों को जोड़ता है। असोथर नगर पंचायत व क्षेत्रीय ग्रामीणों को इस सड़क से फतेहपुर जनपद व अन्य शहरों तक जाने के लिए लोगों को इसी पुल से होकर गुजरना पड़ता है। इस कारण इस पुल का अंतर्राज्यीय महत्व है। इस पुल से होकर दिनभर हजारों संख्या में बस, ऑटो, ई – रिक्शा, बाइक व बड़े भार वाले ट्रक आदि गाडियां गुजरती हैं।
क्या बोले क्षेत्रीय ग्रामीण
असोथर निवासी अंकुर मोदनवाल ने बताया कि इस पुल पर रोज छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। क्यों कि पुल की चौड़ाई कम है। जिससे गाड़ियों को आने-जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। पिछले वर्ष होली के दिन इस पुल पर तीन लोगों की नहर में गिरकर बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी।
नगर पंचायत निवासी बालकृष्ण मौर्य ने बताया कि काफी सालों से पुल के दोनों तरफ की छत और रेलिंग पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। किसी भी समय बड़ी घटना होने की संभावना है। वहीं रेलिंग टूटने के कारण बड़ी गाड़ियों को निकलने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
नगर पंचायत के मुराइन मोहल्ला निवासी दुर्गेश मौर्य ने कहा कि इस पुल पर रात दिन राहगीरों का आवागमन रहता है। जो कि कॉफी खतरनाक है तथा गंभीर दुर्घटनाओं की ओर संकेत कर रहा है। कई बार वाहन गिर चुके हैं और घायल हो चुके हैं जिसपर जिम्मेदारों की नजर नहीं जाती है। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत किया है, मगर कोई सुनवाई नहीं होती है।
भाकियू उपाध्यक्ष रविदेव सिंह गौतम एडवोकेट ने कहा कि सुजानपुर रजबहा के कई पुल कई वर्षों से जर्जर व क्षतिग्रस्त पड़े हुए हैं। कई बार जिम्मेदारों को लिखित सूचना देने के बावजूद नहर विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं किया है। पुलों को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया जा चुका है। जिसमें नहर विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके पर आकर आश्वासन दिया गया है। जल्द ही कई मुद्दों को लेकर भाकियू नगर पंचायत के प्रमुख चौराहे पर बड़ा आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर रहा है।