Report By: SHARIK NAWAZ MAHOBA-UP
हरित ऊर्जा को लेकर परिवहन मंत्रालय के प्रयास बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अब अपना स्वरूप लेने लगे है। आईजीएल द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बुंदेलखंड के महोबा जिले में पहला डीजल डंफर, बस को सीएनजी आधारित ऊर्जा में परिवर्तित करने का कन्वर्ट यूनिट बनाया गया है। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े पत्थर उद्योग में हजारों ट्रक और डंफर दिन रात दौड़ते हैं ऐसे में इन डीजल आधारित डंपरों को सीएनजी आधारित ऊर्जा में परिवर्तित कर बुंदेलखंड को स्वच्छ और हरित ऊर्जा युक्त बनाने की पहल शुरू कर दी गई है । जिसका आज शुभारंभ जिले के कबरई में हुआ। इस दौरान डीजल बस और डंपर को सीएनजी के रूप में परिवर्तित कर सभी के समक्ष लाकर उसमें सीएनजी भरकर दौड़ाया गया । इस दौरान आईजीएल के प्रबंध निदेशक ने हरी झंड़ी दिखाकर स्कूल बस और डंफर को रवाना कर सीएनजी कन्वर्ट यूनिट का शुभारंभ कर दिया। बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को पत्थर उद्योग में प्रयोग किए जाने वाले डीजल आधारित वाहनों को सीएनजी आधारित वाहनों में परिवर्तित करने के लिए प्रोत्साहित करते हुऐ हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की पहल की गई।
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा डीजल और पैट्रोल से संचालित वाहनों को विभिन्न प्रकार के अन्य ऊर्जा से संचालित करने के लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं । ऐसे में तत्कालीन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा हरित ऊर्जा को लेकर शुरू की गई पहल अब बुंदेलखंड के महोबा मूर्तरूप में देखा जा सकता है। जिले के कबरई कस्बे के कानपुर सागर हाइवे पर आईजीएल द्वारा जिले में एक यूनिट स्थापित की गई है।बुंदेलखंड में ये पहली सीएनजी कन्वर्ट यूनिट है जो डीजल आधारित सभी वाहनों को सीएनजी आधारित ऊर्जा रुपांतरित करने का काम करेंगी। जिससे इस क्षेत्र में बढ़ते तापमान और पर्यावरण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
यूनिट के उद्घाटन के मौके पर आईजीएल के प्रबंध निदेशक कमल किशोर चेतीवाल और वाणिज्य निदेशक मोहित भाटिया ने एक स्कूल बस और डंफर को डीजल से सीएनजी आधारित वाहन बनाकर सभी के सामने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और ट्रक मालिकों से अनुरोध किया कि अपने क्षेत्र में हरित क्रांति के लिए वाहनों में डीजल की अपेक्षा सीएनजी को परिवर्तित कर एक स्वच्छ भारत की ओर कदम बढ़ाए। कंपनी हर समय उनके साथ है उन्होंने कहा कि सीएनजी गैस के प्रयोग से हमारे वातावरण में बढ़ रहे तापमान के साथ वायु प्रदूषण से भी निजात मिलेगी और पर्यावरण में पड़ रहे विपरीत प्रभाव को भी इससे कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा की इस क्षेत्र में सर्वाधिक डंपर ट्रक संचालित है जो दिन रात पत्थर उद्योग में काम करते हैं यदि इन वाहनों पर सीएनजी का प्रयोग होता है तो डीजल की अपेक्षा सीएनजी सस्ता पड़ेगा जिसका मुनाफा भी उन वाहन स्वामियों को होगा जो महंगा ईंधन खरीद कर वाहनों को चला रहे हैं ।
एक और जहां सीएनजी आधारित वाहन चलने से वायु प्रदूषण पर भारी लगाम लगेगी वहीं वाहन स्वामियों को डीजल की अपेक्षा सीएनजी का ईंधन सस्ता पड़ेगा जिससे उन्हें मुनाफा तो होगा ही साथ ही पर्यावरण को भी खासा लाभ देखने को मिलेगा उन्होंने बताया कि महोबा से सीएनजी कन्वर्ट यूनिट के सफल होने के बाद बुंदेलखंड में 15 ऐसी यूनिट बनाने का काम किया जायेगा।