Entertainment : हाल ही दिल्ली के अक्षरा थिएटर ऑडिटोरियम में मुंशी प्रेमचंद के प्रसिद्ध कहानी “एक्ट्रेस ” नाटक का मंचन किया गया। नाटक का निर्देशन TOT स्टूडियो ग्रुप के “Gopal Satyamitra ” ने किया और इसी ग्रुप के कलाकारों ने बड़ी खूबसूरती से इस नाटक का मंचन किया। आपको बतादें ये नाटक एक ही दिन में दो बार किया गया जिसमें “TOT थिएटर ग्रुप” के अलग अलग कलाकारों ने अपनी कला से इस नाटक द्वारा नाटक देखने आये दर्शाकों का दिल जीता।
मुंशी प्रेमचंद की गहन लघु कथाओं में से एक, अभिनेत्री एक मध्यम आयु वर्ग की, सफल, मजबूत और पसंदीदा अभिनेत्री तारा देवी के जीवन का वर्णन करती है। ये कहानी का मुख्या किरदार है और जिस दिन ये नाटक हुआ उस दिन तारा देवी का किरदार दोनों नाटकों में खासा चर्चा का विषय थी , और हो भी क्यों ने दोनों ही एक्ट्रेस “Riyanka Rajput ” और ” Kanika Pandit ” ने तारा देवी के किरदार को बखूबी निभाया और तारा देवी के करैक्टर में जान दाल दी जो कबीले तारीफ था। इस नाटक के बाकि कलाकार और टीम की बात करें तो सबने बखूबी से अपनी ज़िम्मेदारी को निभाया और इस नाटक के पूर्ण इंसाफ किया।
यह नाटक एक सफल अभिनेत्री तारा देवी और उसके प्रेमी कुंवर निर्मल कांत की कहानी कहता है। वह एक अमीर और सुंदर आदमी है जिसे तारा देवी से प्यार हो जाता है। भारी-भरकम डायलॉग्स, इंटरएक्टिव एक्टिंग और स्टोरी एक्ट्रेस की नैरेटिव लाइन्स अभूतपूर्व हैं। कुंवर साहब शहर की नामी हस्तियों में से एक थे। वह अमीर, सुंदर और एक बहुत ही बुद्धिमान नौजवान था, जो तारा देवी को अपने दिल की गहराई से प्यार करता था।
एक दृश्य एक रात, एक शो करने के बाद, उसके प्रशंसक उससे मिलने के लिए इकट्ठा होते हैं। अराजकता को नियंत्रित करने के लिए, अभिनेत्री को पर्दे के पीछे ले जाया जाता है। जल्द ही प्रशंसक तितर-बितर हो जाते हैं। हालाँकि, निर्मल उससे मिलने की इच्छा में अभी भी खड़ा है। अभिनेत्री के लिए उसकी उत्सुकता और प्यार को देखते हुए तारा देवी के मैनेजर अगले दिन दोनों की मुलाकात की व्यवस्था करते हैं। जल्द ही, वे हर दिन मिलने लगते हैं और धीरे-धीरे एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। लेकिन निर्मल के बड़े भाई को लगता है कि अभिनेत्री निर्मल की दौलत के पीछे पड़ी है और उसके मन में उसके लिए कोई सच्ची भावना नहीं है।
दूसरी ओर, जब कुंवर साहब ने तारा को शादी के लिए प्रपोज किया, जो वह भी चाहती थी, तब तारा को एहसास हुआ कि वह अब जवान नहीं रही और उसे खुश नहीं रख पाएगी। तारा अंत में कुंवर साहब के लिए एक पत्र और उपहार छोड़कर गुमनामी की दुनिया में गायब हो गई ।