Report By-Sayed Tariq Ahmad Bahraich (UP)
यूपी के बहराइच में कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग सैलानियों के स्वागत को तैयार है। कुलांचे भरते हिरनों के झुंड, गेरुआ नदी में उछल कूद करती डाल्फिनें, धूप सेंकते घड़ियाल और जंगल का मनोरम दृश्य आपका मन मोह लेगा। सैलानियों के लिए कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार के कपाट 15 नवंबर से 15 जून तक खुले रहेंगे।551 वर्ग किलोमीटर में फैले कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग वैसे तो टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में जाना जाता है। इसकी शोहरत लुभावने प्राकृतिक पर्यटन स्थल के रूप में फैली है।ठहरने के स्थल-
मोतीपुर व ककरहा के में बने थारू हट में पर्यटकों को रुकने का इंतजाम है, इसके लिए आनलाइन बुकिंग करानी पड़ेगी
कैसे कराएं बुकिंग-
अतिथि गृहों के आरक्षण के लिए बहराइच स्थित वन विभाग के डिवीजन कार्यालय पर प्रार्थना पत्र देने के साथ आनलाइन बुकिंग कराने के लिए वेबसाइट www.upecotourism.in पर भी संपर्क कर सकते हैं।
कतर्निया का मुख्य आकर्षण–
बाघ- लगभग 50, चीतल- 8000, तेंदुए- 89, सांभर-55, नीलगाय-2800, काकड़-300, गैंडा- 12, लंगूर-9000, डाल्फिन-110, घड़ियाल-600, पालतू हाथी-दो, बारहसिंहा-85, जंगली हाथी- 80, जंगली सुअर- 6000 यहां कैसे पहुंचे-
कतर्निया आने के लिए लखनऊ या दूसरे शहरों से बसों के जरिए बहराइच पहुंचा जा सकता है। बहराइच से वन क्षेत्र के लिए टैक्सियां संचालित हैं। साथ ही निजी वाहनों से भी जंगल तक सीधे पहुंचा जा सकता है।
कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में आने वाले सैलानियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है। जंगल क्षेत्र में पर्यटकों के भोजन आदि की व्यवस्था भी कैंटीन लगाकर की गई है। सफारी के दौरान गाइड और वन सुरक्षा कर्मी भी मुस्तैद होंगे जिससे कि सैलानियों को जंगल से रूबरू कराया जा सके