UK- उत्तराखंड केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून को लेकर आज ट्रक यूनियन के पदाधिकारी ने सड़कों पर आड़ी तिरछी गाड़ियां लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ट्रक बसों से चालक काम छोड़कर अपने-अपने घरों को चले गए, उनका कहना है कि सड़क पर जब वाहन चलाया जाता है तो सुरक्षित तरीके से चलाया जाता है लेकिन वक्त के आगे कोई नहीं टीका अगर कोई घटना घटित होनी है तो उसको कोई नहीं टाल सकता ।
लेकिन केंद्र सरकार ने फरमान जारी कर ट्रक बसों के ड्राइवरो के पेट पर लात मारने का काम क्या है । अगर यह कानून लागू है तो सरकार को सोचना चाहिए कि अगर भगवान ना करें कोई एक्सीडेंट हो जाता है तो पहले वहां की जनता ड्राइवर को मार डालेगी और किसी कारणवश ड्राइवर भाग कर अपनी जान बचा लेता है तो सरकार उसे मार डालेगी, उनका कहना है कि सरकार ने कानून में कहा है कि अगर ड्राइवर से कोई एक्सीडेंट हो जाता है तो 10 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना जो की सरकार की तानाशाही है, कानून के चलते कोई भी बस ट्रक चालक वाहन नहीं चलाएगा। उनका कहना है कि मेहनत मजदूरी करके बच्चों का पालन पोषण कर लेंगे लेकिन वाहन नहीं चलाएंगे , अगर देश में बस ट्रक नहीं चलेंगे तो पूरा व्यापार ठप हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह कानून वापस नहीं लेती है तो सड़क पर कोई भी वहां नहीं चलेगा जिनके स्वयं जिम्मेदारी सरकार की होगी। इसी के साथ ही आज नगर क्षेत्र में बाहर से आए लोगों को वाहन न मिलने के कारण लोग खासा परेशान दिखाई दिए।