
मिली जानकारी के अनुसार, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान फैजान और उसका साथी अब्दुल समद ISIS के संपर्क में थे। इसके बाद दोनों भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हुए। दोनों ने आतंकी अबू बकर अल बगदादी का वीडियो देखा। जिसके बाद धीरे-धीरे दोनों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों को सोशल मीडिया ग्रुप में जोड़ना शुरू किया और उनको बरगलाने लगे। एटीएस ने किया था इनाम घोषित
बताते चले कि फैजान की गिरफ्तारी के लिए एटीएस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में एक आरोपी को एटीएस ने पुणे से भी गिरफ्तार हो चुका है।