Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश सरकार ने सीमावर्ती गांवों को पर्यटन गांव के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की है। इस पहल का मकसद इन इलाकों के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। योजना के तहत इन गांवों में पर्यटन के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा।
इस परियोजना से सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को पर्यटन आकर्षण स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि होगी और वे अपने गांवों में ही स्थायी रोजगार पा सकेंगे। इससे उन इलाकों का समग्र विकास होगा, जहां अब तक विकास की गति धीमी रही है।
सरकार का उद्देश्य है कि इन पर्यटन गांवों के जरिए पर्यटकों को आकर्षित कर स्थानीय संस्कृति, कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ग्रामीण विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।
योजना के तहत साफ-सफाई, सड़क, स्वास्थ्य और पर्यटन से जुड़ी अन्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण इलाकों की पहचान बढ़ेगी और देश-विदेश से पर्यटक यहां आने लगेंगे।
यूपी सरकार ने इस परियोजना के लिए आवश्यक धनराशि आवंटित कर दी है और जल्द ही इसे लागू करने के लिए कार्रवाई शुरू करेगी। इस प्रकार, सीमावर्ती गांव अब केवल सीमा तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पर्यटन के नए केंद्र बनकर ग्रामीण विकास और समृद्धि की नई दिशा दिखाएंगे।