Report By : ICN Network
केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने घोषणा की है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का निलंबन समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम पहलवानों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि वे एशियाई और विश्व चैंपियनशिप में भाग ले सकें।
मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए मांडविया ने कहा, “न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप, मंत्रालय ने प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया है। इससे हमारे पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा और उनके करियर को भी सुरक्षित किया जाएगा।”
खेल मंत्रालय के फैसले के बाद डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह को महासंघ का नियंत्रण वापस सौंप दिया गया है। संजय सिंह, जो पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं, अब घरेलू टूर्नामेंट आयोजित करने और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए राष्ट्रीय टीमों का चयन करने में सक्षम होंगे।
संजय सिंह ने पुष्टि की कि डब्ल्यूएफआई 15 मार्च को नई दिल्ली में कुश्ती ट्रायल आयोजित करेगा। उन्होंने कहा, “यह कुश्ती प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है। हम जल्द ही राष्ट्रीय ट्रायल आयोजित करेंगे।”
खेल मंत्रालय ने दिसंबर 2023 में डब्ल्यूएफआई पर निलंबन लगाया था, जब संजय सिंह ने अध्यक्ष का कार्यभार संभालते ही अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की घोषणा की थी। मंत्रालय ने इस फैसले को चुनावी प्रक्रिया के उल्लंघन के रूप में देखा और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को महासंघ की देखरेख के लिए एक तदर्थ समिति गठित करने का निर्देश दिया।
मंत्रालय ने अपने पत्र में यह भी निर्देश दिया कि निलंबन के दौरान किए गए संशोधनों को वापस लिया जाए और महासंघ के पदाधिकारियों के बीच संतुलन और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति जो निर्वाचित पदाधिकारी नहीं है, या पूर्व में निलंबित अधिकारी रहा है, उसे महासंघ के कार्यों से पूरी तरह अलग रखा जाएगा।
अब जब डब्ल्यूएफआई को फिर से काम करने की अनुमति मिल गई है, तो सभी की निगाहें राष्ट्रीय ट्रायल और भारतीय कुश्ती महासंघ के आगामी फैसलों पर टिकी होंगी।