Report By : ICN Network
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) सुप्रीम कोर्ट में जेपी स्पेशल डेवलपमेंट ज़ोन (SDZ) के अधूरे आवासीय प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए विस्तृत कार्य योजना पेश करने जा रहा है। इन परियोजनाओं का मकसद समयबद्ध तरीके से निर्माण कार्य पूरा करना और खरीदारों को उनके घर सौंपना है।
जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) द्वारा शुरू की गई कई आवासीय परियोजनाएं वर्षों से अधूरी पड़ी हैं। इनमें जेपी ग्रीन्स बोगनविलियास, कंट्री होम्स I और II, ग्रीनक्रेस्ट होम्स, क्राउन्स, कोव, बुद्ध सर्किट स्टूडियोज़, कासिया I, II, III, स्पोर्ट्सविले, और विला एक्सपांजा जैसी स्कीमें शामिल हैं। इसके अलावा, JAL द्वारा दी गई उप-लीज़ की गई ज़मीन पर अन्य डेवलपर्स द्वारा शुरू की गई 13 अन्य परियोजनाएं भी अधूरी हैं। इन सबमें लगभग 4,600 होमबायर्स फंसे हुए हैं।
YEIDA के अनुसार, इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ₹2,433 करोड़ की जरूरत है, जबकि JAL ने पहले ही होमबायर्स से लगभग ₹1,900 करोड़ एकत्र किए थे। अभी ₹532 करोड़ और एकत्र किया जाना बाकी है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने YEIDA को इन परियोजनाओं को पूरा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने प्रोजेक्ट की प्रगति के अनुसार समयसीमाएं तय की हैं – जो 75% या उससे अधिक पूरी हैं, उन्हें 1 साल में, 50% पूरी परियोजनाएं 18 महीनों में और 25% से कम प्रगति वाली परियोजनाएं 30 महीनों में पूरी करनी होंगी। बाकी परियोजनाओं के लिए अधिकतम समय 36 महीने तय किया गया है।
इन कार्यों की निगरानी के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें प्रमुख सचिव (आवास एवं औद्योगिक विकास), उत्तर प्रदेश रेरा अध्यक्ष, YEIDA के सीईओ या प्रतिनिधि, और होमबायर्स का एक अधिकृत सदस्य शामिल होगा। यह समिति नए डेवलपर्स के चयन, शिकायत निवारण और निकास नीति तय करने जैसे अहम कार्य करेगी।
YEIDA जल्द ही डेवलपर्स के लिए अनुरोध प्रस्ताव (RFP) जारी करेगा ताकि विश्वसनीय निर्माण कंपनियों को नियुक्त कर अधूरे प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा किया जा सके।