Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
नोएडा में लोन व बीमा पॉलिसी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 11 लोगों को पुलिस ने पकड़ा। इनके पास से एक 81 डेटा शीट मिली। ये डेटा शीट इंडिया मार्ट कंपनी में 2500 रुपए में खरीदी गई।
इसके अलावा डार्क वेब से भी डेटा चोरी किया गया। इन लोगों ने 200 लोगों से करोड़ों रुपए ठगे। ये पैसा एक किराए के खाते में ट्रांसफर कराया। इसके बाद एटीएम से पैसा निकाला और आपस में बाट लिया।
किन किन लोगों से ठगी की इसका पूरी जानकारी एक काली रंग की डायरी में लिखा। ये डायरी पुलिस के हाथ लगी है। इस डायरी के हिसाब से ही पुलिस पीड़ितों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इसमें उन लोगों के नाम भी शामिल है जिन्होंने कॉल सेंटर चलाने में इनकी मदद की। पैसों का कितने कमाए किस किस को दिए इसकी जानकारी भी है।
जो युवतियां यहां काम करती थीं वह सोशल मीडिया पर नौकरी का विज्ञापन देखने के बाद आरोपियों के संपर्क में आईं। ठगी कर आरोपियों ने करोड़ों रुपये कमाए, जिसका हिसाब बरामद डायरी में लिखा है।
आरोपी बीते दो साल से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। सभी महिलाओं को सरगना द्वारा सात से दस हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी दी जाती थी। कमीशन से महिलाओं को अच्छी कमाई होती थी।
डीसीपी क्राइम शक्ति ने बताया कि सरगना आशीष दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकाम का छात्र रहा है। साल 2019 उसकी मुलाकात जितेंद्र से हुई। दोनों ही एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस में पॉलिसी बेचने का काम करते थे।
कुछ बड़ा काम किया जाए इस उद्देश्य से दोनों ने कुछ लड़कियों को अपने साथ जोड़कर फर्जी कालिंग करके बीमा व लोन देने के नाम पर इंडिया मार्ट की साइट से 2500 रुपए में करीब 10 हजार लोगों का डेटा खरीदा। होशियारपुर में किराये के जिस कमरे में कॉल सेंटर संचालित हो रहा था।