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UP-309 साल बाद फर्रुखाबाद का स्थापना दिवस बदलने की कवायद हुई तेज़, समाजवादी पार्टी ने केक काटकर दी तारीख बदलने वालों को चुनौती

यूपी 309 साल बाद फर्रुखाबाद के स्थापना दिवस को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. नवाब मोहम्मद खां बंगस द्वारा आज की तारीख यानी 27 दिसंबर को दिल्ली के तत्कालीन सम्राट फर्रूखशियर के नाम पर फर्रुखाबाद बसाया था. उस हिसाब से आज फर्रुखाबाद का स्थापना दिवस है. नवाब बंगस का मकबरा आज पुरातत्व विभाग से संरक्षित है. लेकिन तीन शताब्दी से अधिक पुराने इस जिले को योगी सरकार के अफसरों ने स्थापना दिवस की नयी तारीख 10 नवम्बर दे दी. बावजूद इसके लोग नवाब काजिम हुसैन के साथ बंगस के मकबरे पर फातिहा पढ़ने पहुंचे। जिलाधिकारी खुद तो नहीं आये पर उनके नुमाइंदे सिटी मजिस्ट्रेट ने बंगस को खिराजे अकीदत पेश की। वहीं सामाजवादी पार्टी ने केक काटकर जनपद का स्थापना दिवस मनाया।

309 साल बाद फर्रुखाबाद जनपद एक ऐसी परिस्थिति से गुजर रहा है जब उसकी डेट आफ बर्थ बदलने वाली है. इतिहास की पुस्तकों में फर्रुखाबाद की स्थापना दिवस 27 दिसंबर 1713 दर्ज है. लेकिन पिछली साल जब सीएम योगी ने हर जिले में स्थापना दिवस मनाने का फरमान जारी किया तो कुछ लोगों को नवाब बंगस की वाहवाही अचानक अखरने लगी. जब फर्रुखाबाद का नाम बदलने की कवायद पूरी नहीं हो पाई तो इतिहासकारों के नाम पर कुछ लोगों ने स्थापना दिवस की तारीख बदलकर 10 नवम्बर कर दी. ताकि बंगस को भुलाया जा सके. इसी विवाद में इस साल फर्रुखाबाद की स्थापना दिवस का महोत्सव रद्द कर दिया गया. लेकिन इस पर भी कड़ाके की सर्दी में नवाब काजिम हुसैन के साथ तमाम लोग बंगस के मकबरे पर खिराजे अकीदत पेश करने पहुंचे। नवाब काजिम के बुलावे पर डीएम के नुमाइंदे सिटी मजिस्ट्रेट सतीश चंद्रा ने भी चादरपोशी में हिस्सा लिया। वहीँ समाजवादी पार्टी ने महानगर अध्यक्ष राघव दत्त मिश्रा के नेतृत्व में बीच चौक में फर्रुखाबाद की स्थापना दिवस का केक काटकर जिले का नाम और स्थापना दिवस बदलने वालों को खुली चुनौती दे दी।

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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