सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू को 2013 के रेप केस मामले में जमानत दे दी है। उसे यह बेल मेडिकल ग्राउंड पर दी गई है। हालांकि इस दौरान उसे समर्थकों से मिलने की इजाजत नहीं है। जस्टिम एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आसाराम सबूत से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेगा और ही किसी समर्थक से मिलेगा आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, लेकिन कुछ शर्तें लागू सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के रेप केस में आसाराम बापू को जमानत दे दी है। यह जमानत उन्हें मेडिकल ग्राउंड्स पर दी गई है। हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को अपने समर्थकों से मिलने की इजाजत नहीं दी है। अदालत ने यह आदेश दिया कि आसाराम किसी भी प्रकार के सबूत से छेड़छाड़ नहीं करेगा और न ही किसी समर्थक से मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल शामिल थे, ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि आसाराम 86 वर्ष की उम्र में हृदय रोग और उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है, जिसे देखते हुए उसे जमानत दी गई है। आसाराम ने 2023 में गांधीनगर कोर्ट द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा गया था, और अदालत ने कहा था कि वह केवल मेडिकल ग्राउंड्स पर मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले, 29 अगस्त 2024 को गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम की याचिका खारिज कर दी थी। 2013 के रेप केस में आसाराम को ट्रायल कोर्ट ने जनवरी 2023 में दोषी पाया था। इस मामले में एक महिला ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। वर्तमान में आसाराम एक अन्य रेप केस में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं। उनके बेटे नारायण साईं को भी यौन शोषण के मामले में सूरत की अदालत ने 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी
आसाराम को यौन शोषण मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली, लेकिन शर्तें माननी होंगी
सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू को 2013 के रेप केस मामले में जमानत दे दी है। उसे यह बेल मेडिकल ग्राउंड पर दी गई है। हालांकि इस दौरान उसे समर्थकों से मिलने की इजाजत नहीं है। जस्टिम एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आसाराम सबूत से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेगा और ही किसी समर्थक से मिलेगा आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, लेकिन कुछ शर्तें लागू सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के रेप केस में आसाराम बापू को जमानत दे दी है। यह जमानत उन्हें मेडिकल ग्राउंड्स पर दी गई है। हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को अपने समर्थकों से मिलने की इजाजत नहीं दी है। अदालत ने यह आदेश दिया कि आसाराम किसी भी प्रकार के सबूत से छेड़छाड़ नहीं करेगा और न ही किसी समर्थक से मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल शामिल थे, ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि आसाराम 86 वर्ष की उम्र में हृदय रोग और उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है, जिसे देखते हुए उसे जमानत दी गई है। आसाराम ने 2023 में गांधीनगर कोर्ट द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा गया था, और अदालत ने कहा था कि वह केवल मेडिकल ग्राउंड्स पर मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले, 29 अगस्त 2024 को गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम की याचिका खारिज कर दी थी। 2013 के रेप केस में आसाराम को ट्रायल कोर्ट ने जनवरी 2023 में दोषी पाया था। इस मामले में एक महिला ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। वर्तमान में आसाराम एक अन्य रेप केस में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं। उनके बेटे नारायण साईं को भी यौन शोषण के मामले में सूरत की अदालत ने 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी