Report By : ICN Network
लोक जनशक्ति पार्टी के टूटने के बाद अब रामविलास पासवान के परिवार में पारिवारिक संपत्ति को लेकर टकराव सामने आया है। एक ओर चिराग पासवान की अगुवाई में लोजपा (रामविलास) है, तो दूसरी ओर उनके चाचा पशुपति कुमार पारस अलग दल के साथ हैं। अब दोनों पक्षों में पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर मतभेद गहरा गया है।
खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव स्थित पैतृक घर में पारस और रामचंद्र पासवान की पत्नियों द्वारा कुछ कमरों में ताले लगाए जाने की बात सामने आई है। इस स्थिति से रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी बेहद आहत हैं और उन्होंने चिराग से गांव आकर संपत्ति का बंटवारा कराने की अपील की है।
इस संपत्ति में शहरबन्नी गांव में करीब छह कट्ठा ज़मीन पर बना दो मंजिला मकान शामिल है, जो रामविलास पासवान के दादा के नाम पर था। इसके अलावा शहरबन्नी और दरभंगा के कुशेश्वर स्थान में पारस के नाम लगभग 50 बीघा और रामचंद्र पासवान के नाम पर 30 बीघा ज़मीन है। चातर (अलौली) में भी दोनों भाइयों के नाम पर लगभग 60 बीघा जमीन दर्ज है।
राजकुमारी देवी का आरोप है कि 30 मार्च को उनकी देवरानियों ने उनके कपड़े, गहने और अन्य सामान बाहर निकाल दिए और कमरे में ताला लगा दिया। उन्होंने इस मामले की शिकायत अलौली थाने में की है, जिस पर पुलिस जांच कर रही है।
चिराग पासवान की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही चिराग ने अपने भांजे को गांव भेजा है। वहीं पारस की पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने इन आरोपों को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि यह पारस के दौरे को बाधित करने का प्रयास है।
राजकुमारी देवी ने मीडिया से बातचीत में चिराग को अपना पूरा समर्थन दिया है और संपत्ति में न्यायपूर्ण हिस्सेदारी की मांग की है। उन्हें भरोसा है कि चिराग जल्द गांव आकर स्थिति को संभालेंगे।