Report By : ICN Network
दिल्ली-एनसीआर में हजारों लोग जिन्होंने अपने सपनों का घर पाने के लिए लाखों रुपये खर्च किए थे, अब बिल्डर के दिवालिया होने के कारण न तो घर प्राप्त कर पा रहे हैं और न ही उनकी रकम वापस मिल रही है। इनमें सुपरटेक इकोविलेज 2, आम्रपाली ड्रीम वैली, शिवालिक होम्स 2, और ATS Le Grandiose 2 जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं, जिनमें ग्राहक वर्षों से फ्लैट की डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं।
ग्राहकों का कहना है कि उन्होंने अपनी सारी बचत लगाकर फ्लैट बुक किए थे, लेकिन अब उन्हें न तो घर मिल रहा है और न ही उनकी रकम वापस मिल रही है। इस स्थिति ने उनके जीवन को कठिन बना दिया है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और बिल्डर-बैंक के कथित गठजोड़ की जांच के लिए सीबीआई से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि इन मामलों में खरीदारों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में खरीदारों को कानूनी सहायता लेनी चाहिए और यदि आवश्यक हो तो एनसीएलटी (NCLT) में आवेदन करके अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। इसके अलावा, रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA) के तहत भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
इस पूरे मामले ने रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया है और यह भी दिखाया है कि ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना कितना महत्वपूर्ण है।