Report By : ICN Network
दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा अचानक की गई फीस बढ़ोतरी को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला है। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना किसी पारदर्शिता और जनभागीदारी के ऐसा अध्यादेश पास किया, जिससे निजी स्कूलों को मनमानी फीस बढ़ाने की खुली छूट मिल गई है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस अध्यादेश को इतनी चुपचाप तरीके से लागू किया गया कि आम जनता को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। उन्होंने दावा किया कि इस कानून के जरिये निजी स्कूलों की प्रबंधन समितियों को एकतरफा अधिकार दिए गए हैं, जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य, तीन शिक्षक, एक प्रबंधन प्रतिनिधि और बेहद सीमित संख्या में माता-पिता शामिल हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कई स्कूलों ने 1 अप्रैल से फीस में बढ़ोतरी कर दी, जबकि न तो शिक्षा विभाग से इसकी अनुमति ली गई और न ही सरकार ने इसे रोकने के कोई कदम उठाए। यहां तक कि अभिभावकों से वसूली गई अतिरिक्त फीस भी वापस नहीं कराई गई।
आप नेता ने यह भी सवाल उठाया कि जिन समितियों को फीस तय करने का अधिकार दिया गया है, उनमें माता-पिता की भूमिका बेहद सीमित और प्रतीकात्मक है। उनका चयन भी पारदर्शी नहीं होता, जिससे स्कूल प्रबंधन के पक्ष में फैसले लिए जाते हैं।
आप का आरोप है कि यह अध्यादेश सीधे तौर पर दिल्ली के मध्यम वर्गीय परिवारों की जेब पर हमला है, जबकि स्कूल मालिकों को लाभ पहुंचाने का रास्ता खोल दिया गया है। पार्टी ने मांग की है कि इस फैसले को तुरंत रद्द किया जाए और अभिभावकों को राहत दी जाए।