मोदी-पुतिन की कार में 45 मिनट की गहरी दोस्तीPM Modi- Vladimir Putin bilateral meeting: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के बाद चीन के तियानजिन शहर में एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने दुनिया का ध्यान खींचा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक कार में साथ बैठे, 45 मिनट तक गहरी बातचीत में डूबे रहे। पुतिन ने मोदी के साथ यात्रा करने के लिए 10 मिनट तक इंतजार किया, और फिर दोनों नेताओं ने न केवल कार में, बल्कि बाद में एक घंटे की द्विपक्षीय वार्ता में भी विश्वास और दोस्ती की मिसाल कायम की। यह नजारा सिर्फ एक तस्वीर नहीं, बल्कि भारत-रूस की अटूट दोस्ती का संदेश था। आइए, जानते हैं इस दौरे से सामने आए दोस्ती के पांच सबूत।
1. तस्वीरों में बयां होती दोस्ती
जियोपॉलिटिक्स में तस्वीरें शब्दों से ज्यादा बोलती हैं। मोदी और पुतिन की गर्मजोशी, चाहे वह सम्मेलन से पहले साथ टहलना हो या कार में एक साथ यात्रा करना, दुनिया को साफ संदेश दे रही थी। मोदी ने X पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “पुतिन के साथ बातचीत हमेशा प्रेरक होती है।” यह केमिस्ट्री भारत-रूस की मजबूत साझेदारी का प्रतीक थी।
2. भारत-रूस की अनूठी यारी
द्विपक्षीय वार्ता में मोदी ने कहा, “पुतिन से मिलना हमेशा खास होता है। कठिन समय में भी हम कंधे से कंधा मिलाकर चले हैं।” दोनों देशों के बीच लगातार संपर्क और उच्च-स्तरीय बैठकों ने इस दोस्ती को और मजबूत किया है।
3. पुतिन का भारत प्रेम
पुतिन ने कहा, “भारत के साथ हमारा रिश्ता बहुआयामी है। 2025 में हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी की 15वीं वर्षगांठ होगी।” उनकी यह बात भारत-रूस संबंधों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दिखाती है।
4. शांति के लिए भारत पर भरोसा
पुतिन ने यूक्रेन संकट में भारत की शांतिदूत भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “हम भारत और अन्य साझेदारों के प्रयासों को महत्व देते हैं, जो इस संकट के समाधान में योगदान दे रहे हैं।”
5. ट्रंप के दबाव में भी अडिग भारत
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ दबाव के बावजूद भारत ने रूसी तेल खरीदना जारी रखा। मोदी की पुतिन के साथ गर्मजोशी भरी मुलाकात ने साबित किया कि भारत-रूस की दोस्ती किसी दबाव में नहीं झुकेगी। यह दोस्ती पहले से कहीं मजबूत है।