• Tue. Dec 2nd, 2025

पटना हाईकोर्ट का सख्त रुख, PM Modi और उनकी मां पर बने AI वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश

Patna High CourtPatna High Court
पटना हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी को लेकर बनाए गए विवादास्पद एआई (AI) वीडियो पर कड़ा रुख अपनाते हुए तत्काल कार्रवाई का फरमान सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट निर्देश जारी किया कि इस अपमानजनक वीडियो को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से फौरन हटाया जाए। अदालत के आदेश के बाद, संबंधित पोस्ट को एक्स (पूर्व ट्विटर) से डिलीट कर दिया गया, जो इस घटना की गंभीरता को रेखांकित करता है।

जेडीयू का कांग्रेस पर तीखा प्रहार: राजनीतिक ईर्ष्या का नंगा नाच

इस मामले में जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस तरह का वीडियो बनाना न केवल सामाजिक और नैतिक रूप से घिनौना अपराध है, बल्कि अदालत ने इसे कानूनी अपराध भी घोषित कर दिया है। उन्होंने तंज कसते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राजनीतिक ईर्ष्या के चलते संविधान और कानून की गरिमा को तार-तार करने की बुरी आदत डाल ली है। प्रधानमंत्री की दिवंगत मां का अपमान करना इस विकृत मानसिकता का जीता-जागता प्रमाण है, जो राजनीति को कीचड़ उछालने का अड्डा बना देती है।

एआई वीडियो की कड़वी सच्चाई: सपनों में मां का कथित संवाद

यह विवाद तब भड़का जब 10 सितंबर 2025 को बिहार कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से एक एआई जनरेटेड वीडियो शेयर किया गया। इस 36 सेकंड के वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी को अपनी मां हीराबेन से सपनों में बातचीत करते दिखाया गया, जहां मां बिहार के राजनीतिक मुद्दों पर उन्हें कटघरे में खड़ा करती नजर आ रही हैं। पोस्ट का कैप्शन था— “साहब के सपनों में आईं मां, देखिए रोचक संवाद।” वीडियो वायरल होते ही सियासी जगत में तूफान आ गया, और भाजपा नेताओं ने इसे प्रधानमंत्री और उनकी मां के सम्मान पर सीधा हमला करार दिया।

दिल्ली पुलिस की तेज कार्रवाई: एफआईआर दर्ज, कानूनी शिकंजा कसा

विवाद के बढ़ते ग्राफ पर दिल्ली पुलिस ने तुरंत संज्ञान लिया। 13 सितंबर 2025 को बिहार कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट से इस एआई/डीपफेक वीडियो को शेयर करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई। मामला भारतीय न्याय संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं—18(2), 336(3), 336(4), 340(2), 352, 356(2) और 61(2)—के तहत दर्ज किया गया, जो जालसाजी, मानहानि और आपराधिक साजिश जैसे अपराधों को कवर करती हैं। भाजपा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस और उसके आईटी सेल के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, जो इस घटना को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश का नतीजा बता रही है।

अदालत का ऐतिहासिक फैसला: गरिमा और गोपनीयता का संरक्षण

पटना हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें एक्टिंग चीफ जस्टिस पी.बी. बाजांठरी और जस्टिस अलोक कुमार सिन्हा शामिल थे, ने इस वीडियो को प्रधानमंत्री और उनकी मां की गरिमा का उल्लंघन बताते हुए तुरंत हटाने का आदेश दिया। अदालत ने इसे अनुच्छेद 21 के तहत गोपनीयता और मानवीय गरिमा के मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया। याचिका वकील विवेकानंद सिंह ने दायर की थी, जिसमें वीडियो को “घिनौना, अपमानजनक और अपमानित करने वाला” बताया गया। अदालत ने राहुल गांधी, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख और सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह फैसला एआई के दुरुपयोग को रोकने में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

यह घटना न केवल राजनीतिक नैतिकता पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि एआई तकनीक के राजनीतिक शोषण पर भी चिंता जताती है। कांग्रेस ने बचाव में कहा है कि इसमें कोई अपमान नहीं था, लेकिन अदालत का रुख साफ है—मां का सम्मान सर्वोपरि है, और राजनीति इसमें कीचड़ उछालने का माध्यम नहीं बन सकती।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *