दिल्ली सरकार राजधानी के हर क्षेत्र में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के ज़रिए ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद ऐसे लोगों तक सरकारी सुविधाएं पहुंचाना है, जिन्हें ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया मुश्किल लगती है या जो डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं कर पाते। इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रत्येक आवेदन पर 30 रुपये की अतिरिक्त फीस रखी गई है। सरकार की नई पहल को पिछली डोर-स्टेप डिलीवरी योजना का आधुनिक विकल्प माना जा रहा है। आईटी विभाग ने इस मॉडल का पूरा ढांचा तैयार कर लिया है, और अब तक 68 सेवाओं को इससे जोड़ा जा चुका है। शुरुआत में कुल 75 सेवाएं शुरू होंगी, जबकि शेष सेवाओं की टेस्टिंग अंतिम चरण में है। तकनीकी दृष्टि से सिस्टम को पूरी तरह तैयार बताया जा रहा है।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद लोगों को प्रमाण पत्रों से लेकर अन्य सरकारी दस्तावेजों तक की सुविधा अपने नज़दीकी CSC केंद्रों पर ही मिल जाएगी। इससे उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी और काउंटरों पर लगने वाली भीड़ में भी कमी आएगी। सिर्फ 30 रुपये देकर नागरिक अपने दस्तावेज़ केंद्र पर जमा कर सकेंगे और वहां मौजूद कर्मचारी तुरंत उनका आवेदन ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर भर देगा। तैयार दस्तावेज़ वहीं ऑनलाइन प्रिंट किए जा सकेंगे और आने वाले समय में इन्हें व्हाट्सऐप पर भेजने की सुविधा भी उपलब्ध होने वाली है। शादी पंजीकरण, जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र, ओबीसी/एससी/एसटी सर्टिफिकेट, समेत कई सेवाएं इस दायरे में रहेंगी, जबकि परिवहन विभाग से जुड़े ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन की सुविधा भी यहां मिलेगी।
सरकार का कहना है कि डोर-स्टेप डिलीवरी सेवा हटाकर CSC मॉडल लागू करने से नागरिकों को ज्यादा सुविधा मिलेगी, क्योंकि भले सेवाएं घर तक न पहुंचे, लेकिन घर के पास जरूर उपलब्ध होंगी। सबसे बड़ी राहत यह होगी कि अब 50 रुपये की बजाय केवल 30 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। इससे जहां लोगों की जेब पर कम बोझ पड़ेगा, वहीं सरकार पर भी वित्तीय दबाव कम होगा। इसके साथ ही आवेदन प्रक्रिया में सुरक्षा बढ़ेगी और फॉलो-अप करना भी आसान होगा।