साल 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगो के दौरान बिलकिस बानो से बलात्कार और उसके परिवार के 7 लोगों की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार (08 जनवरी) को फैसला सुनाते हुए दोषियों की रिहाई का फैसला रद्द कर दिया है। बता दें कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए कहा है कि महिला सम्मान की हकदार है। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि दोनों राज्यों (महाराष्ट्र-गुजरात) के लोअर कोर्ट और हाई कोर्ट फैसले ले चुके हैं। ऐसे में कोई आवश्यकता नहीं लगती है कि इसमें किसी तरह का दखल दिया जाए।
2022 में किया गया था रिहा
आपको बता दें कि साल 2022 में अगस्त के महिने में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था। जिसके बाद दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बिलकिस के दोषियों को फिर एक बार जेल जाना होगा।
बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुयन की बेंच ने फैसला सुनाया है। बेंच ने पिछले साल 12 अक्टूबर को मामले में फैसला सुरक्षित रख था। अदालत में लगातार 11 दिन तक सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान केंद्र और गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफ करने से जुड़े ओरिजिनल रिकॉर्ड पेश किए। उस वक्त गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को सही ठहराया। लेकिन समय से पहले दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए। हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि वो सजा माफी के खिलाफ नहीं है, बल्कि ये स्पष्ट किया जाना चाहिए कि दोषी कैसे माफी के योग्य बने।