Company : प्रतिस्पर्धा नियामक में कोरम न होना नये कानून के विभिन्न प्रावधानों को अधिसूचित करने की रस्ते में काफी परेशानियाँ खड़ा कर सकता है । आपको बतादें इस नये कानून को बुधवार को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।
कंपनी मामलों का मंत्रालय अभी इसे जानने की कवायद कर रहा है कि समयसीमा से संबंधी प्रावधान को क्या प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) में दो सदस्यों के कोरम से अधिसूचित किया जा सके या नहीं । उदाहरण के लिए अगर सीसीआई संयुक्त आवेदन के सिलसिले में निश्चित समयावधि में आदेश नहीं देता है तो यह स्वतः मंजूर हो जाएगा।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘हम कुछ सप्ताह बाद प्रावधानों को अधिसूचित कर सकते हैं। सीसीआई में कोरम न होने के कारण सभी बदलावों को मूर्त रूप देना चुनौती है।’
सीसीआई को अभी पूर्णकालिक चेयरपर्सन नियुक्त करना है। इसकी वजह से 3 सदस्यों के कोरम के लिए एक व्यक्ति की कमी है। संशोधित प्रतिस्पर्धा कानून में व्यापक बदलाव किए गए हैं। इसमें कंपनियों के वैश्विक कारोबार पर जुर्माना लगाना और समाधान और प्रतिबद्धता योजना शामिल है।
सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि यह कानून न तो पहले की तिथि से लागू होना है, न बाद की तिथि से लागू होगा, बल्कि जब इसे अधिसूचित किया जाएगा, समाधान का विकल्प चल रहे सभी मामलों के लिए खुल जाएगा। जिन मामलों में अन्वेषण महानिदेशक ने अपनी रिपोर्ट दे दी है, उन्हें प्रतिबद्धता योजना में शामिल किए जाने की संभावना नहीं है।
डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून पर समिति ने की चर्चा
सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून पर रिपोर्ट को मई के अंत तक अंतिम रूप दिया जा सकता है। समिति ने गुरुवार को बैठक कर बगैर किसी बाहरी सदस्य की उपस्थिति के पूर्व नियमन पर चर्चा की। कंपनी मामलों के मंत्रालय के सचिव मनोज गोविल की अध्यक्षता में समिति ने विभिन्न हिस्सेदारों से परामर्श पूरा कर लिया है, जिसमें बड़े टेक उद्योग, विभिन्न स्टार्टअप और नए दौर की कंपनियों सहित अन्य के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
एक वरिष्ठअधिकारी ने कहा पहले के नियमन को लेकर अलग अलग राय थी और हम इस मसले पर विचार विमर्श कर रहे हैं। समिति जब इसे अंतिम रूप दे देगी, अंतरमंत्रालयी चर्चा के लिए कैबिनेट नोट साझा किया जाएगा।
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