बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों ने पंचायत निर्वाचन नामावली के वृहद पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत अब तक की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया और आगामी कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा की।
माननीय राज्य निर्वाचन आयुक्त ने समीक्षा करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव लोकतंत्र की आधारशिला हैं, अतः निर्वाचक नामावली की शुद्धता, पारदर्शिता एवं समयबद्ध अद्यतनता सुनिश्चित की जानी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि पात्र मतदाताओं के नाम जोड़ने में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए तथा डुप्लीकेट या अपात्र प्रविष्टियों को नियमानुसार शीघ्रता से हटाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्त सभी पर्यवेक्षक अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य करें और क्षेत्रीय सत्यापन कार्य की नियमित निगरानी की जाए। साथ ही निर्वाचक नामावली के प्रदर्शन, आपत्तियों के निस्तारण एवं अंतिम प्रकाशन की सभी प्रक्रियाएं निर्धारित समय-सारिणी के अनुरूप पारदर्शी ढंग से संपन्न की जाएं।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में पुनरीक्षण कार्य की दैनिक समीक्षा करें, प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से आयोग को भेजें तथा किसी भी स्तर पर शिथिलता न बरती जाए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आयोग द्वारा समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य अपेक्षित है।
माननीय राज्य निर्वाचन आयुक्त ने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे इस अभियान को पूर्ण निष्ठा, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ संपन्न करें ताकि आगामी पंचायत चुनाव निष्पक्ष, सुव्यवस्थित एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सकें।
बैठक के अंत में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने बैठक में उपस्थित होने वाले सभी अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बैठक के समापन की घोषणा की। बैठक में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बागपत तथा बुलंदशहर जनपदों के जिला निर्वाचन अधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट, उप जिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) तथा मुख्य विकास अधिकारीगण उपस्थित रहे।