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गाजियाबाद में बाढ़ का खतरा, चिंता में आए किसान

गाजियाबाद में यमुना का जलस्तर बढ़ने से किनारे के गांवों में पानी भरने लगा है जिससे किसान चिंतित हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें डूब गई हैं और यातायात बाधित हो गया है। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की तैयारी कर ली है और यमुना किनारे के गांवों में अलर्ट जारी किया है। किसानों को चारे की चिंता सता रही है।

गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से पानी यमुना के किनारे पर बसे गांवों की तरफ रुख करने लगा है। जिसकी वजह से किसान व स्थानीय निवासी चिंतित होने लगे हैं। खेत पानी से जलमग्न हो चुके हैं। कई बीघा खड़ी हरी भरी सब्जियां व हरा चारा आदि डूब गई है।

खेतों की तरफ जाने वाले मार्गों पर पानी भर गया है, जिससे आवागमन ठप हो गया। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी पूरी कर ली है और चैकियों की स्थापना भी कर दी गई है। यमुना किनारे के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।

सिंचाई विभाग के अनुसार रविवार शाम हथिनी कुंड बैराज से 178993 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जो लोनी में खतरे के निशान 209 मीटर को पार कर सोमवार रात को 211 मीटर पर देखा गया। तेजी से बढ़े जलस्तर को देख यमुना किनारे बसे गांव के लोग भयभीत होने लगे हैं। यही नहीं किसानों की यमुना के किनारे खड़ी पशुओं के लिए हरा चारा व सब्जी लौकी, करेला, धनिया आदि कई बीघा हरी फसल डूब गई है।

ग्रामीणों व किसानों ने बताया कि यमुना की तरफ जाने वाले मार्गो पर पानी भर गया है। जिससे लोगों का आवागमन ठप हो गया है। यमुना का पानी पुश्ता मार्ग से कुछ ही दूरी पर है, जिससे आसपास के गांव वाले काफी चिंतित हैं। अगर पानी और बढ़ता है तो पचायरा, बदरपुर, मीरपुर, हरमपुर, ट्राेनिका सिटी आदि गांवों के डूबने के असर है।

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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