Report By: Amit Rana
गाजियाबाद में सोमवार को नगर निगम की बोर्ड बैठक भारी हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक शुरू होने से पहले ही पार्षदों ने नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। मुख्य मांग थी—बढ़े हुए हाउस टैक्स को वापस लिया जाए।
बैठक स्थल के बाहर पोस्टर-बैनर लगाकर पार्षदों ने नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कहा कि जब तक बढ़ा हुआ टैक्स वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक विरोध जारी रहेगा। नगर आयुक्त विक्रमादित्य के समझाने के बावजूद पार्षदों ने बात मानने से इनकार कर दिया।
बैठक में भाजपा सांसद अतुल गर्ग, विधायक संजीव शर्मा, मुरादनगर विधायक और महापौर सुनीता दयाल मौजूद रहीं। भाजपा नेताओं ने भी बोर्ड के समक्ष स्पष्ट किया कि टैक्स वृद्धि के प्रस्ताव को रद्द किया जाए।
महापौर सुनीता दयाल ने बताया कि गाजियाबाद में लाखों संपत्तियां ऐसी हैं, जिन पर अब तक टैक्स ही नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा, “पहले उन संपत्तियों पर टैक्स लगाया जाना चाहिए। कुछ बड़े मॉल्स पर जहां 6-6 करोड़ रुपये टैक्स बनता था, वहां सिर्फ लाखों में टैक्स लिया गया। यह साफ तौर पर गड़बड़ी है।”
मेयर ने आगे कहा, “बड़े अधिकारी इस खेल में शामिल नहीं होंगे, लेकिन छोटे स्तर के कर्मचारी और अन्य लोग जरूर इसमें मिले हो सकते हैं। मैं जनता से अपील करती हूं कि अगर उनके पास कोई जानकारी हो तो वे सामने आएं।”
उन्होंने यह भी कहा कि तीन मंजिल के मकान एक मंजिल का टैक्स दे रहे हैं—ऐसा नहीं चलेगा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
वार्ड 12 के पार्षद प्रवीण कुमार उर्फ मुलायम ने काले कपड़े पहनकर बैठक में हिस्सा लिया और कहा, “मैं पूरी तरह टैक्स वृद्धि का विरोध करता हूं, इसलिए काले कपड़े पहनकर आया हूं। जब तक यह फैसला वापस नहीं लिया जाता, मेरा विरोध जारी रहेगा।” अन्य पार्षदों ने भी आरोप लगाया कि टैक्स वृद्धि नियमों के तहत नहीं की गई है।