आईआईटी कानपुर ने वर्ष 2024 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जब उसने 152 इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) दाखिल किए। ये आईपीआर नए शोध और तकनीकों से संबंधित हैं,
जो संस्थान के अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुए हैं। इस वर्ष की आईपीआर फाइलिंग ने आईआईटी कानपुर को नवाचार के क्षेत्र में और भी सशक्त बना दिया है आईआईटी कानपुर ने पिछले चार वर्षों से आईपीआर दाखिल करने में लगातार सफलता हासिल की है। अब तक संस्थान ने 1200 आईपीआर दाखिल किए हैं, जिसमें 152 आईपीआर इस साल के हैं। इसमें 124 पेटेंट, 10 डिजाइन पंजीकरण, 2 कॉपीराइट और 6 ट्रेडमार्क के आवेदन शामिल हैं। इन आईपीआर में कई अंतरराष्ट्रीय पेटेंट भी शामिल हैं, जैसे अमेरिकी पेटेंट, चीनी पेटेंट और एक यूरोपीय पेटेंट, जो संस्थान के वैश्विक स्तर पर बढ़ते प्रभाव को दर्शाते हैं आईआईटी कानपुर की यह उपलब्धि विभिन्न तकनीकों और क्षेत्रों, जैसे मेडिकल और नैनोटेक्नोलॉजी, से जुड़ी है। इसमें मेड्टैक्ट और मेडिकल क्षेत्र के विभिन्न एप्लिकेशनों और उत्पादों का भी समावेश है। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि इन आईपीआर फाइलिंग्स से संस्थान की वैश्विक पहचान और अनुसंधान में उसकी सफलता को साबित किया गया है आईआईटी कानपुर के शोधकर्ता, सरकार और हितधारकों के आभारी हैं, जिनकी वजह से यह सफलता संभव हो पाई। अब 2025 में संस्थान नए अनुसंधान और विकास क्षमताओं को बढ़ाने पर काम करेगा, जिससे समाज पर स्थाई प्रभाव पड़ेगा