Report By-Waheed Ahmad,Mahoba (UP)
बुंदेलखंड के महोबा की नवीन गल्ला मंडी में अव्यवस्थाओं के कारण लाखों रुपए कीमत की मूंगफली जलमग्न हो गई। नवीन गल्ला मंडी सचिव की बड़ी लापरवाही के कारण किसानों की मेहनत की उपज बर्बाद हुई है। इसको लेकर किसानों में खासी नाराजगी है। किसानों की फसल के लिए बने टीन सेडों में व्यापारियों के अवैध कब्जे से खुले में रखी कुंटलों मूंगफली बारिश के पानी में बह गई। जिससे किसानों का खासा नुकसान हुआ है। अचानक हुई तेज़ बारिश से गल्ला मंडी के मूंगफली बेचने आए किसानों का माल जलमग्न होने से भारी नुकसान से किसान चिंतित है।
महोबा में बेमौसम अचानक तेज़ बारिश का कहर नवीन गल्ला मंडी में मूंगफली बेचने आए किसानों पर टूट पड़ा। इन दिनों महोबा गल्ला मंडी में कई जिलों के किसान अपनी मूंगफली बेचने के लिए आते है। किसानों के लिए बने टीन सेडों में व्यापारियों के अवैध कब्जे के कारण ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले किसानों को अपनी मूंगफली की उपज को बेचने के लिए खुले में रखना पड़ता है। मंडी सचिव की लापरवाही का ही खामियाजा है की अचानक हुई बारिश से खुले आसमान में रखी हजारों कुंतल मूंगफली की उपज बर्बाद हो गई। मंडी की जल निकासी की कोई व्यवस्था न होने साथ ही किसानों के लिए उपज रखने के टीन सेड पर कब्जे के चलते मूंगफली की फसल बारिश में जलमग्न हो गई। देर रात से कई घंटो तक लगातार हुईं भीषण बारिश से मैदान में बड़े बड़े मूंगफली के ढेर पानी के साथ नालों में बह गई है। जिससे किसानों को लाखों रूपए का नुकसान हुआ है । किसान पानी में तैर रही मूंगफली को मच्छरदानी और बोरियो से एकत्र करने में जुटा रहा। सैकड़ों किसानो और व्यापारियों की मूंगफली भीग गई है जिससे मूंगफली का भाव तो कम मिल ही रहा है इसके साथ ही मूंगफली के सड़ने की संभावना बढ़ गईं है । गल्ला मंडी में व्यापारी और किसान अपनी फसल को बचाने के लिए भरसक प्रयास करते दिखाई दिए लेकिन लगातार बिगड़ते मौसम के मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी हैं। मूंगफली बेंचने आए किसानों किशोरी लाल, व्रंदावन शिवहरे, अमर सिंह आदि ने बताया है कि मण्डी में बड़े-बड़े टीन सेड चबूतरे बने हुए है जिनमे गल्ला व्यापारियों ने कब्ज़ा कर रखा है वहां किसानों का माल ही नही पहुंच पाता जिसकी वजह से बारिश में अक्सर उनकी उपज भीग जाती है। सरकारी तंत्र किसानों के बारे जरा भी नही सोचता जिसकी वज़ह से उनको कई लाख का नुकसान हो गया है। लेकिन गल्ला मंडी समिति ने बारिश से उनके माल को बचाने के लिए किसी प्रकार के कोई इंतजाम नहीं है। दरअसल महोबा की नवीन गल्ला मंडी में व्यवस्थाओं की कमी के चलते अपनी उपज बेचने आ रहे किसानों को इस बारिश में बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। तेज बारिश के चलते महोबा की नवीन गल्ला मंडी में जलभराव हो गया। बमुश्किल किसानों ने अपनी उपज को बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन तब तक 60 लाख रुपये कीमत तक की मूंगफली उपज बर्बाद होने का आंकलन किसान लगा रहे है।
हद तो तब हुईं जब हमने बारिश से तबाह परेशान किसानों की समस्या को लेकर मंडी सचिव सत्येंद्र सिंह परिहार से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय में अधिकारी से लेकर कर्मचारी सभी नदारत मिले। किसानों की समस्याओं से बेफिक्र सरकारी नुमाइंदों का कार्यालय से गायब रहना कई सवाल खड़े करता है। मंडी के सचिव अपने घर में आराम करते मिले। जब उनसे इस बाबत सवाल किए तो उन्होंने माना कि किसानों की मूंगफली बारिश के चलते बर्बाद हुई है। जिसकी क्षतिपूर्ति के लिए मूंगफली का रेट बढ़ाया जायेगा। टीन सेड में व्यापारियों के कब्जे को लेकर आदेश जारी करने की बात कही तो वहीं व्यापारियों के दबाव की बात भी बताते नजर आए है।
बहरहाल भले ही मंडी सचिव किसानों की मूंगफली बर्बाद को लेकर क्षतिपूर्ति के उपाय बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हो लेकिन उनकी बातचीत से इतना तो साफ है की मंडी के सचिव व्यापारियों के दबाव में हैं। शायद यही वजह है कि किसानों का भला नहीं हो पा रहा।