Report By : Dhirendra Shukla
ICN Network : करवा चौथ अखंड सौभाग्य की प्राप्ति का सबसे प्रमुख और प्राचीन त्योहार है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिनें 16 श्रृंगार करती हैं और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं.
करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर दिन बुधवार को रखा जाएगा. करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.36 बजे से लेकर शाम 6.54 बजे तक रहेगा. यानी करवा चौथ पूजन के लिए आपको सिर्फ 1 घंटा 18 मिनट का ही समय मिलने वाला है.इसके अलावा, इस दिन बहु द्वारा अपनी सास को सरगी देने की भी परंपरा है. इस साल करवा चौथ का व्रत बुधवार, 1 नवंबर बुधवार को रखा जाएगा. आइए जानते हैं कि आखिर सरगी क्या होती है और करवा चौथ पर पूजा के लिए कितनी देर का मुहूर्त रहने वाला है।
क्या है करवा चौथ की सरगी?
सरगी के जरिए सास अपनी बहू को सुहाग का आशीर्वाद देती है. सरगी की थाल में 16 श्रृंगार की सभी समाग्री, मेवा, फल, मिष्ठान आदि होते हैं. सरगी में रखे गए व्यंजनों को ग्रहण करके ही इस व्रत का आरंभ किया जाता है. सास न हो तो जेठानी या बहन के जरिए भी ये रस्म निभा सकती हैं.
सरगी के सेवन का मुहूर्त
करवा चौथ व्रत वाले दिन सरगी सूर्योदय से पूर्व 4-5 बजे के करीब कर लेना चाहिए. सरगी में भूलकर भी तेल मसाले वाली चीजों को ग्रहण न करें. इससे व्रत का फल नहीं मिलता है. ब्रह्म मुहूर्त में सरगी का सेवन अच्छा माना जाता है।