Report By : Mayank Khanna (ICN Network)
वर्षों से चेराई गांव में रह रहे ग्रामीणों को 2022 में यह जानकारी मिली कि वक्फ बोर्ड ने उनकी जमीन पर दावा किया है। यह खूबसूरत मछुआरों का गांव, जो कोच्चि की हलचल से दूर मुनंबम उपनगर में स्थित है, अब एक कानूनी विवाद में फंस गया है। समुद्र तट के पास स्थित चेराई अपने रिसॉर्ट के लिए जाना जाता है, लेकिन इस विवाद के कारण गांव के लोग अपनी जमीन पर न तो लोन ले पा रहे हैं और न ही उसे बेच सकते हैं।
सिरो-मालाबार चर्च और केरल कैथोलिक बिशप के प्रभाव से प्रभावित, चेराई गांव के निवासियों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। ग्रामीण सीना ने बताया कि उनका घर उनकी जिंदगी की एकमात्र संपत्ति है और वह इसे खोने के बारे में सोचकर बहुत परेशान हैं। उनका कहना है, “हमारी कहानी हर घर में एक समान है।”
गांव में प्रदीप और उनकी पत्नी श्रीदेवी ने भी अपने घर और जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाए। प्रदीप ने कहा, “हमने कभी सोचा नहीं था कि हमें इस तरह के संकट का सामना करना पड़ेगा। यह घर हमारी मेहनत की कमाई है।”
ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि वे अपनी जमीन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई लोग अपने भविष्य के बारे में अनिश्चितता में जी रहे हैं। स्थानीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस मामले में मदद करने के लिए आगे आए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं मिल सका है।
इस स्थिति ने चेराई गांव के निवासियों को एकजुट होने और अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया है, ताकि वे अपनी भूमि और अधिकारों की रक्षा कर सकें। वे आशा करते हैं कि जल्द ही इस विवाद का समाधान निकलेगा, जिससे उन्हें अपने घरों में रहने का अधिकार मिलेगा