उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर चल रही चर्चाओं पर स्पष्ट बयान दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में किसी भी धर्म या समुदाय के व्यक्ति के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का प्रतीक है, जिसमें हर उस व्यक्ति का स्वागत है जिसके मन में भारतीयता और सनातन परंपरा के प्रति सम्मान हो। सीएम योगी ने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सनातन परंपरा का परिचायक है। जो भी इन मूल्यों को समझता है और इसका आदर करता है, वह इस आयोजन में शामिल हो सकता है। महाकुंभ का उद्देश्य समरसता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि महाकुंभ जैसे आयोजनों का मूल संदेश मानवता और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना है। यह आयोजन किसी खास धर्म या जाति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भाग लेने वाले हर व्यक्ति को एक समान दृष्टि से देखा जाता है। सीएम योगी के बयान से यह स्पष्ट है कि महाकुंभ में प्रवेश के लिए किसी भी धर्म, जाति या समुदाय के लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों में आने वालों के मन में भारतीयता और भारत की सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति आदर का भाव होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अपने बयान के माध्यम से सभी समुदायों को संदेश दिया कि महाकुंभ का उद्देश्य संकीर्णताओं से परे जाकर मानवता और भारतीय संस्कृति के मूल्यों को आगे बढ़ाना है। उनका यह बयान महाकुंभ को लेकर किसी भी प्रकार के विवाद को समाप्त करने का प्रयास माना जा रहा है
महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पर CM योगी बोले, “कोई भी आ सकता है लेकिन…”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर चल रही चर्चाओं पर स्पष्ट बयान दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में किसी भी धर्म या समुदाय के व्यक्ति के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का प्रतीक है, जिसमें हर उस व्यक्ति का स्वागत है जिसके मन में भारतीयता और सनातन परंपरा के प्रति सम्मान हो। सीएम योगी ने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सनातन परंपरा का परिचायक है। जो भी इन मूल्यों को समझता है और इसका आदर करता है, वह इस आयोजन में शामिल हो सकता है। महाकुंभ का उद्देश्य समरसता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि महाकुंभ जैसे आयोजनों का मूल संदेश मानवता और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना है। यह आयोजन किसी खास धर्म या जाति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भाग लेने वाले हर व्यक्ति को एक समान दृष्टि से देखा जाता है। सीएम योगी के बयान से यह स्पष्ट है कि महाकुंभ में प्रवेश के लिए किसी भी धर्म, जाति या समुदाय के लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों में आने वालों के मन में भारतीयता और भारत की सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति आदर का भाव होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अपने बयान के माध्यम से सभी समुदायों को संदेश दिया कि महाकुंभ का उद्देश्य संकीर्णताओं से परे जाकर मानवता और भारतीय संस्कृति के मूल्यों को आगे बढ़ाना है। उनका यह बयान महाकुंभ को लेकर किसी भी प्रकार के विवाद को समाप्त करने का प्रयास माना जा रहा है