अयोध्या के मिल्कीपुर में 5 फरवरी को मतदान होना है जबकि परिणाम की घोषणा आठ फरवरी को की जाएगी। अब उम्मीदवारों को लेकर मंथन शुरू हो गया है मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा होते ही भाजपा में टिकट के लिए होड़ तेज हो गई है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व इस बार एक नए और गैरविवादित चेहरे को मैदान में उतारने पर विचार कर रहा है। पार्टी स्तर पर संभावित प्रत्याशियों के चयन को लेकर गहन मंथन जारी है। चुनाव 5 फरवरी को होना है, इसलिए पार्टी ऐसा प्रत्याशी चाहती है जिसकी जीत सुनिश्चित हो। सूत्रों के अनुसार, पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा टिकट की दौड़ में सबसे आगे हैं। गोरखनाथ 2017 में मिल्कीपुर से विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2022 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, उप परिवहन आयुक्त सुरेंद्र रावत को भी गंभीर दावेदार माना जा रहा है। पार्टी के कुछ नेता मिल्कीपुर में एक नए और गैरविवादित चेहरे को प्राथमिकता देने के पक्ष में हैं, जिससे सुरेंद्र रावत की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। अन्य दावेदारों में पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी भी शामिल हैं, जो 1991 में सोहवल से विधायक रह चुके हैं और 2012 में भाजपा ने उन्हें मिल्कीपुर से मैदान में उतारा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। इसके अलावा, जिला संगठन के महामंत्री राधेश्याम त्यागी और प्रदेश अनुसूचित मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत के नाम भी चर्चा में हैं। भाजपा के लिए मिल्कीपुर सीट रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। हाल ही में हुए नौ विधानसभा उपचुनावों में भाजपा ने सात सीटें जीती हैं, जिनमें अंबेडकरनगर की कटेहरी और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर तीन दशक बाद जीत हासिल करना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट गंवा चुकी भाजपा मिल्कीपुर में जीत दर्ज कर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। स्थानीय स्तर पर भी कई नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी की है। इनमें चंद्रभानु पासवान, पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनय कुमार रावत, सियाराम रावत, विजय बहादुर फौजी, काशीराम पासी, शांति पासी और बाराबंकी की जिला पंचायत सदस्य नेहा आनंद सिंह जैसे नाम प्रमुख हैं
Milkipur Bypoll: भाजपा नए चेहरे पर दांव लगा सकती है, पूर्व विधायक-नौकरशाह दावेदार
अयोध्या के मिल्कीपुर में 5 फरवरी को मतदान होना है जबकि परिणाम की घोषणा आठ फरवरी को की जाएगी। अब उम्मीदवारों को लेकर मंथन शुरू हो गया है मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा होते ही भाजपा में टिकट के लिए होड़ तेज हो गई है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व इस बार एक नए और गैरविवादित चेहरे को मैदान में उतारने पर विचार कर रहा है। पार्टी स्तर पर संभावित प्रत्याशियों के चयन को लेकर गहन मंथन जारी है। चुनाव 5 फरवरी को होना है, इसलिए पार्टी ऐसा प्रत्याशी चाहती है जिसकी जीत सुनिश्चित हो। सूत्रों के अनुसार, पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा टिकट की दौड़ में सबसे आगे हैं। गोरखनाथ 2017 में मिल्कीपुर से विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2022 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, उप परिवहन आयुक्त सुरेंद्र रावत को भी गंभीर दावेदार माना जा रहा है। पार्टी के कुछ नेता मिल्कीपुर में एक नए और गैरविवादित चेहरे को प्राथमिकता देने के पक्ष में हैं, जिससे सुरेंद्र रावत की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। अन्य दावेदारों में पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी भी शामिल हैं, जो 1991 में सोहवल से विधायक रह चुके हैं और 2012 में भाजपा ने उन्हें मिल्कीपुर से मैदान में उतारा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। इसके अलावा, जिला संगठन के महामंत्री राधेश्याम त्यागी और प्रदेश अनुसूचित मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत के नाम भी चर्चा में हैं। भाजपा के लिए मिल्कीपुर सीट रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। हाल ही में हुए नौ विधानसभा उपचुनावों में भाजपा ने सात सीटें जीती हैं, जिनमें अंबेडकरनगर की कटेहरी और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर तीन दशक बाद जीत हासिल करना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट गंवा चुकी भाजपा मिल्कीपुर में जीत दर्ज कर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। स्थानीय स्तर पर भी कई नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी की है। इनमें चंद्रभानु पासवान, पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनय कुमार रावत, सियाराम रावत, विजय बहादुर फौजी, काशीराम पासी, शांति पासी और बाराबंकी की जिला पंचायत सदस्य नेहा आनंद सिंह जैसे नाम प्रमुख हैं