Report By : Sachin Upadhyay ,Kasganj (UP)
कासगंज जनपद के सोरोंजी में महाशिवरात्रि का कांवड़ मेला शुरू हो रहा है। बड़ी संख्या में कांवड़ियों का आना प्रारंभ भी हो गया है। ऐसे में तीर्थनगरी में कांवड़ संबंधी सामान निर्माण करने वाले कारीगरों ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। कादरवाडी में भट्टी पर काम करने वाले मुस्लिम श्रमिक रात दिन काम कर कांच की गंगाजली तैयार कर रहे हैं ।कई पीढ़ियों से इनके वंशज ये कार्य कर रहे हैं।वह में भी बांस खपांचों से कांवड़ की कड़ियां बुनने व कांवड़ बनाने काम तेजी से चल रहा है।
तैयार माल तीर्थनगरी के व्यापारियों को देने के अलावा कारीगर अलीगढ़ के राजघाट, फर्रुखाबाद के ढाई घाट, कछला घाट के व्यापारियों को भी आपूर्ति कर रहे हैं।
सोरों के ग्राम कादरवाडी में एक दर्जन भट्ठियों पर कांच को गलाकर गंगाजली के सांचे में ढालने का काम रात दिन चल रहा है। इन भट्ठियों पर पचास से अधिक मुस्लिम कारीगर काम कर रहे हैं। इन कारीगरों को व्यापारी फिरोजाबाद से कच्चा माल लाकर दे रहे हैं। चार आकार की गंगाजली तैयार की जा रही है। दो सौ से ढाई सौ रुपए प्रति सैंकड़ा के हिसाब से व्यापारी इनकी खरीद करते हैं।
कारीगर आमिर ने बताया कि कांच की गंगाजली बनाने का काम उनके घर में कई पीढ़ियों से हो रहा है। यह सीजनल काम है। इस काम में अब प्रतिद्वंदिता होने की वजह से ज्यादा मुनाफा नही रह गया है। बाकी दिनों में खेतों में मजदूरी कर गुजारा करते हैं।
कारीगर बबलू ने बताया कि कांच की गंगाजली बनाने के ऑर्डर सोरों जी के अलावा अलीगढ़, नरौरा, फर्रुखाबाद, कछला आदि स्थानों के व्यापारियों से भी मिलते हैं। माल की पूर्ति नहीं हो पाती है इसलिए कांच के अलावा प्लास्टिक, पीतल, स्टील आदि धातुओं की गंगाजली भी काफी प्रचलन में आ रही है।