Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
घरों और पीजी से लैपटॉप और मोबाइल चोरी करने वाले 3 चोरों को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया। ये चोर 4 साल से घटनाएं कर रहे थे। अब तक 200 लैपटॉप और 400 मोबाइल फोन चोरी कर चुके है। दिल्ली एनसीआर के शहर इनके टारगेट थे।
चोरी करने के बाद ये सामान को बस और अन्य माध्यम से पश्चिम बंगाल लेकर जाते थे। वहीं पर फोन और लैपटॉप बेचे। इससे जो रुपया मिलता उसी को आमदनी मानते थे। मोबाइल को 3000 और लैपटॉप को 7000 में बेचते थे। इन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने इनके पास से 44 मोबाइल फोन बरामद किए। इनकी पहचान बदमाशों की पहचान हमीरपुर के जरिया के सिद्ध गोपाल, पश्चिम बंगाल के मेंदनीपुर के तपन मांझी और सपन मांझी के रूप में हुई। सपन मांझी गिरोह का सरगना है और तपन उसका भरोसमंद साथी है।
बदमाशों की निशानदेही पर पुलिस ने तीन एटीएम कार्ड, एक डीएल, दो आधार और पैन कार्ड, एक इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक की पासबुक, एक मेट्रो कार्ड, एक ई-श्रम कार्ड, दो बैंक की पासबुक और एक चेक बुक भी बरामद की है।
सपन मांझी के खिलाफ नोएडा और दिल्ली के अलग-अलग थानों में 34 केस दर्ज हैं। सपन ने अधिकांश चोरी दिल्ली नोएडा बार्डर अशोक नगर में की। दरअसल अशोक नगर सघन आबादी वाला एरिया है।
यहां बैचलर्स के अलावा स्टूडेंट्स बहुत बड़ी संख्या में कमरा लेकर रहते है। यही पर रैकी करते थे। गर्मी के समय यहां रहने वाले अधिकांश लोग छत या कमरे का दरवाजा खोलकर सोते है। ऐसे में सुबह 4 से 6 बजे तक ये चोरी की घटना को अंजाम देते थे।
पुलिस के एक्सिस से रहे दूर इसलिए पश्चिम बंगाल को चुना आरोपियों में सिद्ध गोपाल कक्षा आठ तक पढ़ा है और ऑटो चलाने का काम करता है। तपन मांझी कक्षा चार तक पढ़ा है और घर में रहकर खेती करता था। वहीं सपन मांझी कक्षा दो तक पढ़ा है और चेन्नई में होटल में खाना बनाने का काम करता था।
तीनों बदमाशों ने 25 जून की रात एक साथ तीन घरों में चोरी की थी। ये चोरी का माल पश्चिम बंगाल ले जाकर बेचते थे। बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि चोरी के लैपटॉप और मोबाइल को दिल्ली के बजाय पश्चिम बंगाल में इसलिए बेचते थे ताकि पुलिस के निशाने पर आने से बच सकें।