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बेजुबान जानवरो के लिए ज़ू में खासा इंतजाम,भालू के लिए विशेष व्यंजन का इंतजाम 7 किलो की आइसक्रीम रोज खाता है

Report By : Shariq Khan Kanpur (UP)

कानपुर का प्राणी उद्यान जहां 1500 से ज्यादा जीव जंतु रहते हैं और उनकी देखरेख की जाती है। शहर का यह चिड़ियाघर भारत के तीसरे सबसे बड़े चिड़ियाघरों में माना जाता है। इस प्राणी उद्यान में गर्मी के मौसम में यहां के बेजुबा जानवरों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए। अलग-अलग जानवरों के लिए बाड़ों में कूलर लगाए गए हैं इसके साथ ही वाटर फॉगिंग सिस्टम का इंतजाम किया गया है। यहां तक पहली बार चिड़ियाघर में शेर चीता के बाड़ों में भी फव्वारा अंदर लगा दिए गए हैं जिससे कि वहां की जमीन ठंडी रहे और उन्हें गर्मी ना लगे। इसी तरह से खाने-पीने को लेकर भी जानवरों का विशेष ख्याल रखा गया है शाकाहारी जानवरों से लेकर मांसाहारी जानवरों के लिए गर्मी की डाइट चार्ट तैयार की गई। भालू के तो अपने ही मजे हैं क्योंकि कानपुर के प्राणी उद्यान का भालू रोजाना 7 किलो की फ्रूट आइसक्रीम मजे लेकर खा रहा है।

पहली बार लगा स्पेशल फागिंग सिस्टम
लगातार बढ़ रहे तापमान जब तापमान तकरीबन 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जा रहा है और भीषण गर्मी से इंसान ही नहीं बल्कि बेजुबान भी परेशान है। गर्मी के प्रकोप को देखते हुए कानपुर प्राणी उद्यान ने जानवरों के लिए खासा इंतजाम करें हैं। पहली बार चिड़ियाघर के टाइगरों के लिए स्पेशल फागिंग सिस्टम लगाया गया है। जो रात में ठंडी फोग के रूप में बेजुबानों पर बरसती है और गर्मी दूर भगा कर ठंड का अहसास कराती है। इतना ही नहीं कानपुर चिड़ियाघर प्रशासन द्वारा गर्मी के प्रकोप को देखते हुए जानवरों के बाड़ो और पिंजरों में खसखस की चटाई, वॉटर फाउंटेन, एडजस्ट, कूलर के साथ पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। साथ ही जानवरों के खान-पान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

खाने पीने का स्पेशल ख्याल रखा जा रहा है
‌ खाने-पीने की बात की जाए तो इन जानवरों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। पशु चिकित्सा अधिकारी प्राणी उद्यान डा अनुराग कुमार सिंह ने बताया ने बताया कि शाकाहारी जानवर जिन्हें फल और फ्रूट दिए जाते हैं। इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि उन्हें रसदार और गर्मी के मौसम में खाए जाने वाले फल जैसे तरबूज, खीरा ,ककड़ी, खरबूजा इत्यादि दिया जा रहा है। इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है कि जो पीने का पानी उन्हें दिया जा रहा है उसमें ओआरएस और इलेक्ट्रॉल का घोल दिया जा रहा है। मांसाहारी जानवरों के लिए भी एतिहात बरता जा रहा है उनके खाने की डाइट को कम कर दिया गया है जिससे कि उन्हें डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम ना हो।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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