Report By : Rishabh Singh,ICN Network
प्रशासनिक पदों पर बैठे हुए अधिकारियों की जीवन शैली और सकारात्मक संदेश दिए जाने वाले जाने वाले निर्णय समाज के लिए नजीर बनते हैं। कुछ ऐसी ही बातों को लेकर वाराणसी में इन दिनों जनपद के पुलिस कमिश्नर और आईपीएस अधिकारी मोहित अग्रवाल चर्चा में है।दरअसल फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद स्थित अपराधी को एनकाउंटर में ढेर करने के बाद मोहित अग्रवाल ने उसकी मासूम बेटी की पढ़ाई लिखाई, खाने रहने से जुड़ा सारा खर्चा उठा लिया ।मिली जानकारी के अनुसार अब वह बच्ची कानपुर के एक बोर्डिंग स्कूल में दाखिला लेकर पढ़ाई शुरू कर चुकी है।
दरअसल वर्तमान में वाराणसी पुलिस कमिश्नर पद पर तैनात IPS अधिकारी मोहित अग्रवाल शहर के प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदारी निभा रहें हैं. तकरीबन आज से 4 साल पहले जनवरी 2020 में कानपुर फर्रुखाबाद के अपराधी सुभाष बाथम ने दो दर्जन से अधिक बच्चों को जन्मदिन के बहाने बुलाकर उन्हें बंधक बना लिया था. उस समय कानपुर के तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल ने मामले पर संज्ञान लेते हुए सभी ब को इस अपराधी से मुक्त कराया था. हालांकि एनकाउंटर में अपराधी सुभाष को मार गिराया गया था. जनवरी 2022 में अपराधी सुभाष के पत्नी की भी मृत्यु हो गई थी. इस दौरान उसकी मासूम बच्ची गौरी परिजनों के साथ रहती थी. आईपीएस अधिकारी मोहित अग्रवाल ने गौरी के शिक्षा और अन्य जरूरत से संबंधित विषयों की देखरेख के लिए एक अभिभावक के तौर पर खुद आगे आए और उसका दाखिला कानपुर स्थित एक बोर्डिंग स्कूल में करा दिया।
गौरी का दाखिला अप्रैल महीने में कानपुर के बोर्डिंग स्कूल में हो चुका है. वहां अब वह कक्षा नर्सरी से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई करेगी. गौरी के खाने पीने रहने पढ़ने का सभी इंतजाम पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल स्वयं करते हैं. एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान मोहित अग्रवाल ने या कि आज गौरी काफी खुश हैं और उ सुनहरे और उज्जवल भविष्य के लिए उनका दाखिला कराया गया है. इस बात का विशेष ध्यान दिया जाता है कि उनके खाने-पीने और पढ़ाई संबंधित आवश्यकताओं में किसी भी प्रकार का कोई दिक्कत न हो ।