यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा साल 2013-14 में मथुरा में 57 हेक्टेयर भूमि विकास कार्यों के लिए किसानों से भूमि को लिया था। खरीदी गई भूमि के कुछ हिस्सों पर बाजना कट का निर्माण हो चुका है। तारीख 3 जून 2018 को तत्कालीन चेयरमैन डा. प्रभात कुमार द्वारा इस भूमि के खरीद में अनियमिताओं का आरोप लगाकर 21 अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों व अन्य कई व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज कराया था।
यह FIR जी.एम. पलानिंग श्रीमती मीना भार्गव की जांच रिपोर्ट के आधार पर करायी गई थी । FIR के बाद श्री पी. सी. गुप्ता आई.एस तथा सतीथ कुमार पी. सी.एस की गिरफ्तारी भी हुई और मामला मेरठ कोर्ट में चल रहा था। इस मामले में 24 दिसंबर 2019 को CBI के द्वारा भी मामला दर्ज कर लिया गया था। और 31 अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ CBI के द्वारा 24 दिसंबर 2021 को चार्जशीट गाजियाबाद CBI कोर्ट में दाखिल की गई थी।
CBI की कार्यवाही को पी.सी. गुप्ता व अन्य द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी जिसमे उच्च न्यायालय के द्वारा नया आदेश 9 दिसंबर 2022 को दिया गया जिसमे CBI की चार्जशीट के आधार पर गाजियाबाद CBI कोर्ट में केस चलाने का आदेश पारित किया गया था। हाई कोर्ट के आदेश को श्री गौरव कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 जनवरी 2023 को आदेश पारित करके उच्च न्यायालय के आदेश पर रोल लगाते हुए मामले मे कोई दम न पाते हुए पूरी कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है।