Report By : Rishabh Singh,ICN Network
कानपुर देहात की जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी सुरभि श्रीवास्तव ने UPSC में 56वीं रैंक हासिल की है। सुरभि ने लगातार तीन बार यूपीएससी की परीक्षा दी। उसके बाद उन्हें सफलता मिली है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय सबसे पहले अपने माता-पिता और फिर भगवान को दिया है। कल्याणपुर के रावतपुर गांव में उनका परिवार रहता है। उनके पिता जगदीश कुमार श्रीवास्तव औरैया में खंड शिक्षा अधिकारी हैं। घर में मां अर्चना श्रीवास्तव और छोटी बहन वैष्णवी श्रीवास्तव रहती हैं। वैष्णवी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।
सुरभि ने बताया कि हाई स्कूल तक की पढ़ाई सेंट जोसेफ स्कूल दिबियापुर से की। इसके बाद इंटर की पढ़ाई डीपीएस कल्याणपुर से और फिर ग्रेजुएशन की पढ़ाई एचबीटीयू से पूरी की। उसके बाद 2019 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर नोएडा में जॉब करने लगी। मैं नोएडा में रहकर नौकरी कर रही थी लेकिन उससे संतुष्ट नहीं थी। इसलिए 2020 में नौकरी से इस्तीफा देसर यूपीएससी की पढ़ाई करने लगी थी। 2022 यूपीटीसीएस की परीक्षा पास की और 2023 में कानपुर देहात में जिला विकलांगजन सशक्तिकरण अधिकारी के पद पर नौकरी लग गयी।
सुरभि ने कहा कि कानपुर देहात में रहकर मैंने नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई भी की, लेकिन नौकरी और पढ़ाई दोनों काम एक साथ में करना थोड़ा कठिन जरूर था, लेकिन समय को मैनेज करते हुए किया तो सब कुछ आसान सा लगने लगा। मुझे जितनी उम्मीद थी उससे भी अच्छी रैंक हासिल हुई है। इसकी मुझे बहुत खुशी है।
सुरभि ने कहा कि कभी भी किसी चीज में हार नहीं माननी चाहिए। हार मानना कोई विकल्प नहीं होता है। यदि एक बार में सफलता नहीं मिलती है तो आपको अपनी चीजों में सुधार करने के बाद फिर से आगे बढ़ना चाहिए तो सफलता जरूर मिलेगी। यदि जीवन में धैर्य के साथ आप किसी काम को करते हैं तो चीजें और अच्छी हो जाती है। इस लिए जीवन में धैर्य बनाकर रखना बहुत जरूरी होता है।